स्वतंत्र समय, भोपाल
भोपाल में मेट्रो के 103 मीटर लंबे दो स्टील ब्रिज (steel bridge) बनेंगे। डीआरएम ऑफिस में पहले 48 मीटर लंबे ब्रिज के काम की शुरुआत भी हो चुकी है। 28 मार्च तक ब्रिज के गर्डर, स्ट्रक्चर और असेंबलिंग का काम पूरा हो जाएगा। इधर, 65 मीटर लंबा दूसरा ब्रिज रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरेगा। इसके लिए रेलवे से अप्रूवल मिलने का इंतजार है। राजस्थान के अलवर में ब्रिज बने हैं। ये दिल्ली मेट्रो जैसे ही डिजाइन किए गए हैं। ब्रिज का अलवर से अलग-अलग हिस्सों में लाया गया था। इन्हें अब असेंबल करके पिलर पर रखा जाने लगा है। 1 मार्च से डीआरएम ऑफिस तिराहे पर ब्रिज का स्ट्रक्चर बन रहा है। रेलवे ट्रैक पर भी ब्रिज बनाने का काम भी मार्च में ही शुरू हो सकता है।आरकेएमपी से डीआरएम ऑफिस के बीच रेलवे लाइन है, इसलिए 65 मीटर लंबा स्टील ब्रिज बनेगा। इसकी चौड़ाई 15 मीटर है, जबकि ऊंचाई 14 मीटर रहेगी। ताकि, नीचे ट्रेनें आसानी से गुजर सके। ट्रैक के दोनों ओर पिलर पर स्टील ब्रिज को रखने के लिए मेट्रो कॉर्पोरेशन ब्लॉक लेगा। इसलिए ट्रेनें रोकी जाएंगी। लिहाजा, रेलवे को लेटर लिखा गया है। जहां से अप्रूवल मिलने का इंतजार है। मिलने वाले समय के हिसाब से ब्रिज के लिए काम होगा।
गर्डर लॉन्चिंग के बाद रखेंगे steel bridge
रेलवे क्रॉसिंग के बाद दूसरा स्टील ब्रिज ( steel bridge ) डीआरएम ऑफिस चौराहे पर बनेगा। इसकी लंबाई 48 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर रहेगी। यह भी 14 मीटर ऊंचा रहेगा। ब्रिज बनने के बाद नीचे गाड़ियां निकलेगी तो ऊपर मेट्रो गुजरेगी। 1 मार्च से इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए रास्ता भी बंद किया गया है। ताकि, किसी प्रकार का हादसा न हो। गर्डर लॉन्चिंग के बाद स्टील ब्रिज रखा जाएगा। इसे भी असेंबल किया जा रहा है। रास्ता बंद होने से हजारों लोग परेशान भी हो रहे हैं। स्टील ब्रिज के काम के चलते रास्ता बंद किया गया है। ऐसे में बंद रास्ते पर बच्चे क्रिकेट का मजा लेते हुए दिखाई दे रहे हैं।
रेलवे तय करेगा ब्लॉक का शेड्यूल
मेट्रो कॉर्पोरेशन के अफसरों का कहना है, हमारी पूरी तैयारी है। रेलवे अलग-अलग समय में शेड्यूल तय करेगा। इस हिसाब से काम किया जाएगा, क्योंकि काम के दौरान कई ट्रेनें प्रभावित रहेंगी।