नई दिल्ली। बंदरगाह एवं सीमा शुल्क परिचालन को सुव्यवस्थित करने और राष्ट्रीय व्यापार नेटवर्क की स्थापना जैसे उपायों से भारतीय कंपनियों को वैश्विक मूल्य शृंखला (जीवीसी) से जुडऩे में मदद मिलेगी। इसकी मदद से भारत 2030 तक विदेश व्यापार में 1.2 लाख करोड़ डॉलर की वृद्धि कर सकता है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने एक रिपोर्ट में कहा, इस समय विभिन्न जीवीसी प्रासंगिक उत्पाद श्रेणियों में पर्याप्त विनिर्माण क्षमता होने के बावजूद वैश्विक मूल्य शृंखला में भारत की सीमित भागीदारी से देश की निर्यात क्षमता बाधित होती है। इसलिए, जीवीसी में भारतीय कंपनियों का एकीकरण जरूरी है, क्योंकि 70 फीसदी वैश्विक कारोबार इन शृंखलाओं के भीतर संचालित होता है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी से लेकर दवा और परिधान तक उत्पादों की विस्तृत शृंखला है। जीटीआरआई के सह संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, भारत के कमजोर जीवीसी एकीकरण के लिए खराब कारोबारी बुनियादी ढांचा जिम्मेदार है। इससे बंदरगाहों और सीमा शुल्क को लेकर देरी होती है।