मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ क्षेत्र में रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से बिलासपुर–झारसुगुड़ा सेक्शन में तीसरी और चौथी रेल लाइन के विद्युतीकरण का कार्य जोरों पर है। यह कार्य विशेष रूप से 24 से 26 अगस्त 2025 तक सक्रिय रहेगा। इसी के चलते इस दौरान कई प्रमुख रेल सेवाओं को रद्द, परिवर्तित या अल्पगामी घोषित किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य रेल मार्ग की क्षमता बढ़ाना और भविष्य में तेज व समयबद्ध रेल सेवाएं सुनिश्चित करना है।
रेलवे ने 22 एक्सप्रेस और 4 पैसेंजर ट्रेनों को किया रद्द
विद्युतीकरण और चौथी लाइन से संबंधित कार्य के चलते रेलवे ने एक विस्तृत सूची जारी की है, जिसमें कुल 22 एक्सप्रेस और 4 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किया गया है। टाटानगर–बिलासपुर एक्सप्रेस, हावड़ा–मुंबई एक्सप्रेस, पुणे–हटिया एक्सप्रेस, पूरी–जोधपुर एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें इस सूची में शामिल हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे निर्धारित तारीखों के दौरान अपनी यात्रा की पुष्टि रेलवे के आधिकारिक प्लेटफॉर्म से अवश्य कर लें।
कुछ ट्रेनों के मार्ग में हुआ बदलाव, कुछ का गंतव्य बदला गया
ट्रैफिक डाइवर्जन को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने 12222 हावड़ा–पुणे दुरंतो एक्सप्रेस और 12221 पुणे–हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस का मार्ग परिवर्तित कर दिया है। वहीं, गोंदिया–झारसुगुड़ा पैसेंजर और निजामुद्दीन–रायगढ़ गोंडवाना एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को गंतव्य से पहले ही समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। इससे प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा योजनाएं बनाने की सलाह दी गई है।
130 किमी रेललाइन तैयार, भविष्य के लिए मजबूत आधार
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अनुसार, कुल 206 किमी लंबी चौथी लाइन परियोजना में से 130 किमी का कार्य पूरा कर लिया गया है और यह हिस्सा कमिशनिंग के लिए तैयार है। इस कार्य से आने वाले वर्षों में न केवल नई ट्रेन सेवाएं शुरू की जा सकेंगी, बल्कि ट्रेनों की समयबद्धता भी बेहतर होगी, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी।
रेलवे की यात्रियों से अपील: यात्रा से पहले जांचें ट्रेन की स्थिति
रेल प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे NTES ऐप या IRCTC वेबसाइट के जरिए अपनी ट्रेन की स्थिति जांच लें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यात्रा में कोई असुविधा न हो, ट्रेन नंबर, रद्द तिथियां और मार्ग की जानकारी पहले से प्राप्त कर लें। यह व्यवधान अस्थायी है, लेकिन इससे रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को स्थायी रूप से लाभ मिलेगा।
यह परियोजना क्यों है महत्वपूर्ण?
बिलासपुर–झारसुगुड़ा चौथी रेल लाइन और उसका विद्युतीकरण सिर्फ एक तकनीकी कार्य नहीं, बल्कि भारत के मध्य भाग को उत्तर और दक्षिण भारत से जोड़ने की दिशा में एक अहम बुनियादी कदम है। इससे न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि आसपास के राज्यों के यात्रियों को तेज, सुरक्षित और निर्बाध यात्रा की सुविधा मिलेगी। भविष्य में यह मार्ग औद्योगिक, आर्थिक और यात्री दोनों ही दृष्टिकोण से केंद्र बिंदु बन सकता है।