मलकानगिरी में नक्सलियों को बड़ा झटका, BSF के सामने 22 माओवादियों ने किया सरेंडर

ओडिशा के नक्सल प्रभावित मलकानगिरी जिले में सुरक्षाबलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। यहां सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सामने 22 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं। यह आत्मसमर्पण क्षेत्र में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों के दबाव और सरकार की पुनर्वास नीतियों के प्रभाव का नतीजा माना जा रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक, सरेंडर करने वाले नक्सलियों में तीन पर इनाम भी घोषित था। इन तीनों पर प्रशासन की ओर से एक-एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था। यह घटनाक्रम सुरक्षाबलों के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है, क्योंकि इससे नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।

मुख्यधारा में लौटने का फैसला

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली लंबे समय से संगठन में सक्रिय थे। वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते थे। नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा से मोहभंग और सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव को अपने सरेंडर की मुख्य वजह बताया है।

मलकानगिरी जिला, जो छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा हुआ है, लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का केंद्र रहा है। हाल के दिनों में यहां BSF और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से कई ऑपरेशन चलाए हैं। इन ऑपरेशन्स के कारण नक्सलियों के लिए जंगल में छिपना और गतिविधियां चलाना मुश्किल होता जा रहा है।

पुनर्वास नीति का लाभ

आत्मसमर्पण करने वाले सभी 22 नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा। इसके तहत उन्हें आर्थिक सहायता और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। पुलिस ने अन्य नक्सलियों से भी अपील की है कि वे हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों।

गौरतलब है कि बस्तर और उससे सटे ओडिशा के सीमावर्ती इलाकों में लगातार नक्सली कमजोर पड़ रहे हैं। सुरक्षाबलों द्वारा अंदरूनी इलाकों में नए कैंप स्थापित करने से नक्सलियों की सप्लाई चेन और कम्युनिकेशन नेटवर्क टूट रहा है। इसी दबाव के चलते बड़ी संख्या में कैडर सरेंडर कर रहे हैं।

पहले भी हुए हैं बड़े सरेंडर

इससे पहले भी मलकानगिरी और बस्तर संभाग में कई बड़े सरेंडर हो चुके हैं। पुलिस का मानना है कि शीर्ष नेतृत्व की अनदेखी और लगातार हो रहे एनकाउंटर से निचले स्तर के कैडर में डर का माहौल है। यह 22 नक्सलियों का सरेंडर इसी डर और हताशा का परिणाम है। सुरक्षाबलों ने इसे क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।