विपिन नीमा, इंदौर
इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा लव कुश चौराहे पर डबल डेकर फ्लाईओवर ब्रिज को आकार देने के लिए बीती रात में स्टील के गर्डर ( Steel Girder ) की लॉन्चिंग का कार्य शुरू हो गया। इस फ्लाईओवर ब्रिज पर कुल 32 गर्डर लगाए जाना है। इसमें से दो गर्डर की लॉचिंग हो चुकी है। शेष 30 गर्डर अगले 60 दिन के अंदर लगा दी जाएगी। प्राधिकरण की तत्परता के कारण यह एक और ब्रिज आकार लेता हुआ नजर आने लगा है। उज्जैन रोड (अरविन्दो अस्पताल चौराहे से आरंभ ) होकर, बाण्गंगा की ओर जाने वाले मार्ग पर बन रहे इस डबल डेकर फ्लाइ ओवर की विशेषताओ की श्रंखला मे इस बात का भी विशेष ध्यान रखा गया है कि,वाहनों को, उतार,चढ़ाव का सामना कम से कम करना पड़ेगा।
40 मीटर लम्बी है है Steel Girder
जानकारी के मुताबिक लवकुश चौराहे पर बन रहे डबल डेकर ब्रिज को जल्द से जल्द से तैयार करने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण जुटा हुआ है। प्राधिकरण के अफसर रोज निर्माण कार्यों को लेकर समीक्षा कर रहे है। लंबाई 1452 मीटर लम्बे तथा 24 मीटर चौड़े इस फ्लाईओवर ब्रिज पर कुल 32 गर्डर लगाए जाना है। इसकी शुरुआत मंगलवार रात से हो गई है। आईडीए ने बीती रात ब्रिज पर स्टील गर्डर की लॉचिंग का काम फिर से प्रारंभ हो गया है। ब्रिज पर दो स्टील गर्डर पहले ही डाली जा चुकी है। स्टील गर्डर की लम्बाई लगभग 40 मीटर है। इसका वजन 24 मीट्रिक टन है।
- गर्डर के लिए भार वहन क्षमता – 42 तथा मीट्रिक टन
- स्पॉन के लिए भार वहन क्षमता – 168 मीट्रिक टन है
डबल डेकर ब्रिज से शहर को मिलेगी नई दिशा
इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा लवकुश चौराहे पर बनाए जा रहे नवनिर्मित प्रदेश का सबसे ऊँचा, डबल डेकर फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य द्रुत गति से किया जा रहा है सुविधा की दृष्टि से विशेष, और नवीनतम तकनीकी से लेस, डबल डेकर फ्लाई ओवर के निर्माण से शहर के विकास को एक नई दशा और दिशा मिलेगी।
ब्रिज की लंबाई चौड़ाई, ऊंचाई, लागत
लवकुश , चौराहा डबल डेकर फ्लाइओवर के निर्माण लंबाई 1452 मीटर हैे एवं इसकी चौड़ाई 24 मीटर हैे। जमीन से इसकी अधिकतम ऊंचाई 70 फीट तक होगी,आमतौर पर जब,पुल निर्मित किए जाते है तो उँचाई 30 से 40 फीट तक होती है,लेकिन इस पुल की ऊंचाई ज्यादा रखने का मुख्य कारण मेट्रो ट्रेक है,क्योंकि तय मापदंडों के आधार पर मेट्रो ट्रेक से 7.0 मीटर ऊंचाई पर ही पुल की भुजा बनाई जा सकती है । इसी के साथ इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए जा रहे फ्लाइओवर के निर्माण कार्य मे लगने वाली कुल लागत 146.98 करोड़ है।
लवकुश ,चौराहा डबल डेकर फ्लाइओवर की विशेषताएं…
ये सिक्स लेन फ्लाइओवर सेगमेटल ब्रीज होगा।
- निर्माण तकनीकी का कुशलतम प्रयोग करते हुए पहली बार 40-40 मीटर के स्पांन बनाए जा रहे है इसी के साथ ब्रीज पर सेगमेंट की चौड़ाई 24 मीटर होकर 12-12 मीटर के दो कैरेज वे सिंगल पिएर पर बनाए जा रहे है ताकि सडक़ पर चलने वाली यातायात व्यवस्था मे कोई अवरोध उतत्पन्न ना हो
- अब्लिगेटरी स्पान 40-40 मीटर के होकर स्टील गर्डर का उपयोग किया गया है।
- लवकुश चौराहे पर 65 मीटर स्पान की बो- स्ट्रिंग गर्डर का उपयोग किया गया है ेइससे चौराहे पर ट्राफिक का निर्बाध रूप से आवागमन हो सकेगा े
- इसके निर्माण में अत्यंत आधुनिक तकनीकी और कौशल का उपयोग किया गया हैे।
- उज्जैन रोड (अरविन्दो अस्पताल चौराहे से आरंभ ) होकर, बाणगंगा की ओर जाने वाले मार्ग पर बन रहे इस फ्लाइ ओवर की विशेषताओ की श्रंखला मे इस बात का भी विशेष ध्यान रखा गया है कि,वाहनों को, उतार,चढ़ाव का सामना कम से कम करना पड़े।
- फ्लाइओवर के दोनों तरफ 12-12 मीटर की चौड़ी सडक़ का भी निर्माण किया जा रहा है,जिसके अंतर्गत, मध्य भाग का कार्य सबसे अंतिम चरण मे किया जाएगा।
- वही वर्तमान मे फ्लाइ ओवर की दोनों भुजाओं का निर्माण तीव्र गति से किया जा रहा हैे।
फ्लाइओवर के निर्माण से इंदौर वासियों को मिलने वाले फायदे…
- शहर के विभिन्न हिस्सों में यातायात को सुचारु और तेज बनाया जा सकेगा । इससे जाम की समस्या कम होगी ।
- एक ही स्थान पर दो स्तरों के फ्लाईओवर से, भूमि का उपयोग कम होगा, जिससे भूमि का बचाव होगा।
- डबल डेकर फ्लाईओवर से यातायात सुगम हो जाएगा, जिससे2 लाख लोग लाभन्वित होंगे ,एवं अपने गंतव्य तक जल्दी पहुँच सकेंगे ।
- जाम में फंसे बिना, शीघ्र अपने गंतव्य तक पहुँच सकेंगे ,जिससे पेट्रोल डीजल की भी बचत होगी।
- यातायात में सुधार होने से वाहनों के कम समय तक चलने से वातावरणपर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण,दोनों ही कमी आएगी।
- यातायात में सुधार होने से समय और ईंधन दोनों की बचत होगी ,जिससे व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी जिससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।