बुरहानपुर के इतिहास के पन्नों में बोरबन तालाब की मिट्टी ने एक बार फिर राज खोल दिया था। जब ग्राम चौखंडिया में मनरेगा योजना के तहत वर्ष 2019-20 में हो रही तालाब की खुदाई के दौरान अचानक मजदूरों की कुदालों से टकराई एक धातु की लौटे ने सबको चौंका दिया। लौटे में थे पुरातात्विक महत्व के 260 रहस्यमयी सिक्के, जो आकार में छोटे-बड़े और आकृति में गोल-चौकोर थे। वर्षों से थाने में रखे इन बेशकीमती सिक्कों को अब कोषालय में जमा कराया गया।
प्रशासनिक अमला रहा मौजूद
खकनार थाना क्षेत्र स्थित पुलिस सहायता केंद्र से जिला कोषालय, बुरहानपुर तक लाया गया। इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने कलेक्टर हर्ष सिंह, अपर कलेक्टर वीरसिंह चौहान, डिप्टी कलेक्टर राजेश पाटीदार, अधिकारीगण और डीएटीसीसी के सदस्य भी मौजूद रहे।
सिक्कों की हुई गिनत
सभी सिक्कों की सावधानीपूर्वक गिनती की गई और उन्हें लोहे की मजबूत पेटी में बंद कर जिला कोषालय में जमा किया गया। यह केवल सिक्कों का संग्रह नहीं था, बल्कि इतिहास को सहेजने की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया थी। अब इन सिक्कों की उत्पत्ति, काल और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को लेकर अब विशेषज्ञों की टीम अध्ययन करेगी। यह उम्मीद जताई जा रही है कि ये सिक्के प्राचीन व्यापार, शासन या सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी उजागर करेंगे।