प्रदेश में पर्यटकों को रिझाने बनेंगे 27 rope way, मिली मंजूरी

स्वतंत्र समय, भोपाल

मध्य प्रदेश सरकार ने धार्मिक पर्यटन,पर्यटन क्षेत्र और यातायात को सुगम बनाने, पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 27 रोप-वे ( rope way ) बनाने का निर्णय लिया है। इसके पहले मध्य प्रदेश सरकार ने चार रोपवे बनवाने की अनुमति दी थी। अब 23 और नए पर्यटन स्थलों में रोप-वे बनाने की मंजूरी दी है। मध्य प्रदेश सरकार ने पहले उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल तक 2 किलोमीटर का रोप-वे बनाने की अनुमति दी थी। जबलपुर में एवेन्यू मॉल सिविक सेंटर से मालवीय चौराहा और बलदेवबाग तक रोप-वे की अनुमति दी थी। जबलपुर में ही अंपायर स्टेडियम से गुरुद्वारा वाया रामपुर चौक की अनुमति दी गई थी। सागर में विक्टोरिया माता मंदिर से फनीकुलर से आईटीआई तक रोप-वे बनाने की अनुमति दी थी। अब जो नए 23 रोप-वे तैयार किए जाएंगे। उनमें राम राजा मंदिर से लेकर ओरछा तक, नर्मदा तट से सैलानी टापू ओंकारेश्वर तक, सिद्धवरकूट जैन मंदिर से राजेश्वरम आश्रम तक, खजुराहो स्नेहफाल से केन नदी तक, रायसेन स्टेशन पार्किंग से रायसेन किला तक, दतिया में स्टेशन से बगलामुखी माता मंदिर तक, इंदौर में रीगल चौराहे से राजवाड़ा तक। पचमढ़ी में शिव मंदिर पार्किंग से चौरागढ़ शिव मंदिर तक। पातालकोट, तामिया व अमरकंटक मे दूध धारा से कपिलधारा तक, ग्वालियर किला से फूल बाग तक, मांडू प्रवेश द्वार से रूपमती महल तक, भोपाल में वन विहार से खानू गांव तक, कोलार रोड से न्यू मार्केट तक, कोकता ट्रांसपोर्ट नगर से नादरा बस स्टैंड वाया गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में रोपवे तैयार किए जाएंगे।

rope way 60 फीसदी मदद केंद्र सरकार करेगी

केंद्रीय पर्वतमाला स्कीम में केंद्र सरकार 60 फ़ीसदी की आर्थिक मदद करता है। बाकी का खर्च राज्य सरकार करेगी। यह रोप-वे ( rope way ) पीपी मोड में सरकार संचालित कर सकती है। अभी इस बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। एक रोप-वे को तैयार करने में लगभग 2 से 3 साल का समय लगता है। रोपवे की गति 6 मीटर प्रति सेकंड के हिसाब से रहती है। पर्यटन को लुभाने और यातायात को सुगम मनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 27 रोपवे में शुरू किया जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश में rope way

मध्य प्रदेश में अभी सल्कनपुर मंदिर, भोपाल के महावीर मंदिर, मैहर मैं शारदा माता, जबलपुर में भेड़ाघाट, देवास में माता टेकरी, चित्रकूट के कामदगिरी परिक्रमा पथ और लक्ष्मण पहाड़ी पर सफलता पूर्वक रोप-वे संचालित किये जा रहे हैं।