शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में 3 दिवसीय नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन

नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन ग्राम लुन्हेरा सड़क में पूर्णाहुति और भंडारे के साथ संपन्न हुआ। यज्ञ में सैकड़ों लोगों ने आहुतियां दी

अली असगर /मनावर – आदिवासी संत श्री प्रताप भाई ज्ञानेश्वर भाई और शिवराम भाई की टोली द्वारा गायत्री परिवार के उद्देश्य, मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण, व्यक्ति निर्माण परिवार निर्माण समाज निर्माण और राष्ट्र के निर्माण के लिए उन्होंने शरीर को भगवान का मंदिर समझकर नर पशु और नर पिशाच से ऊपर उठकर मनुष्य को देवत्व धारण कर जीवन में होने वाले संस्कारों के बारे में बताया। साथ ही गायत्री मंत्र को अमृत, पारस , कल्पवृक्ष, कामधेनु बताया और गायत्री मंत्र की साधना करने के अपील की ।

गायत्री परिवार के व्यसन मुक्ति आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने शराब मांस बीड़ी सिगरेट से होने वाली बीमारियों के बारे में और पैसे की बर्बादी ,परिवार के दुखी होने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उनके उद्बोधन से प्रभावित होकर ग्राम के 150 युवाओ ने गायत्री मंत्र की दीक्षा ग्रहण की ,और 22 युवाओं ने जनेऊ धारण की। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंत प्रताप भाई ने उपस्थित जनता को हाथ उठाकर शराब मांस बीड़ी सिगरेट छुड़वाने का संकल्प कराया। साथ ही समाज में फैली कुरीतिओ और अंध विश्वास और बलि प्रथा के बारे में विस्तार से बताया। अंत में आदिवासी समाज के भाइयों ने बलि प्रथा रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन गिरधारी लाल मालवीय ने किया। अतिथियों का स्वागत महेंद्र दरबार ने किया , विदाई बब्बू दरबार ने की ।
ग्राम के मांगीलाल दरबार, मोतीलाल वास्केल बाबूलाल मुवेल, प्रेम सिंह वास्केल , सुखदेव राठौड़, प्रताप सिंह अंचल, अशोक वर्मा,का सहयोग रहा।