मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज एक ऐतिहासिक पल आया, जब शहर के सबसे लंबे फ्लाईओवर का उद्घाटन हुआ। इस फ्लाईओवर का लंबे समय से लोग इंतजार कर रहे थे, और अब यह परियोजना भोपालवासियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस फ्लाईओवर का उद्घाटन किया और साथ ही इसे डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखने का ऐलान किया। अब यह फ्लाईओवर ‘बाबा साहेब अंबेडकर ब्रिज’ के नाम से जाना जाएगा।
ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान
यह फ्लाईओवर न सिर्फ शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी राहत लेकर आएगा जो रोज़ाना इस मार्ग से यात्रा करते हैं। लगभग 6000 वाहन इस फ्लाईओवर से गुजरेंगे, जिससे पहले के भारी जाम की समस्या में काफी कमी आएगी। अब शहरवासियों को यात्रा में समय की बचत होगी और वे ट्रैफिक से मुक्ति पा सकेंगे।मुलायम यातायात के रास्ते
भोपाल के मैदा मिल रोड से लेकर गणेश मंदिर तक का यह फ्लाईओवर प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ता है, जैसे कि गायत्री मंदिर, डीबी मॉल चौराहा, प्रगति चौराहा, एमपी नगर और आशिमा मॉल। यह फ्लाईओवर शहर के विभिन्न इलाकों के बीच यात्रा को सुगम बनाएगा, साथ ही भोपाल के आसपास के इलाकों जैसे औबेदुल्लागंज, नर्मदापुरम, बैतूल, खंडवा और जबलपुर को भी कनेक्ट करेगा।
वृहद राजधानी परियोजना और एलिवेटेड कॉरिडोर
फ्लाईओवर के उद्घाटन कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि यह लोकार्पण नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर हुआ है, जो इस आयोजन को और भी ऐतिहासिक बनाता है। इसके साथ ही सीएम ने भोपाल के बावड़ियां क्षेत्र में एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की घोषणा की और बताया कि रायसेन, बैरसिया, और विदिशा जिलों को मिलाकर एक वृहद राजधानी परियोजना बनाई जाएगी। इस परियोजना से इन क्षेत्रों में यातायात और कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
नवीन नामकरण: ‘बाबा साहेब अंबेडकर ब्रिज’
सीएम ने इस उद्घाटन कार्यक्रम में यह भी ऐलान किया कि इस फ्लाईओवर का नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान में ‘बाबा साहेब अंबेडकर ब्रिज’ रखा जाएगा। यह निर्णय खासतौर पर उस समय लिया गया जब कांग्रेस बाबा साहेब के जन्मस्थली पर बड़ी रैली करने जा रही थी, जिससे इस उद्घाटन का महत्व और बढ़ गया।