MP में 3 सिस्टम एकसाथ एक्टिव : ‘मोंथा’ तूफान से बढ़ा असर, 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

Monsoon Alert : मध्यप्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है। प्रदेश में फिलहाल तीन सक्रिय मौसमीय सिस्टम—डिप्रेशन (अवदाब), टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात)—के कारण तेज आंधी, बारिश और गरज-चमक का दौर जारी है।

अरब सागर में बना डिप्रेशन प्रदेश के पास से गुजर रही टर्फ लाइन से जुड़ा हुआ है, जबकि उत्तरी हिस्से में सक्रिय साइक्लोनिक सर्कुलेशन ने बारिश को और बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही तूफान ‘मोंथा’ का असर भी देखने को मिल रहा है, जिससे प्रदेश में हवाओं की रफ्तार तेज बनी हुई है। बुधवार को श्योपुर-मुरैना समेत 11 जिलों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी कर दिया है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे में श्योपुर, मुरैना, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं अन्य जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का दौर जारी रहेगा। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि इन सिस्टम्स का असर अगले चार दिन तक बना रहेगा, जिसके चलते प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम बदला-बदला रहेगा।

मंगलवार को प्रदेश के नौ जिलों बैतूल, धार, रतलाम, मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, रीवा और उमरिया में बारिश दर्ज की गई, जबकि भोपाल और इंदौर में तेज आंधी चली। बारिश से कुछ जिलों में फसलों को नुकसान की भी खबरें मिली हैं।

हालांकि मानसून की आधिकारिक विदाई हो चुकी है, लेकिन मौसम विभाग ने 29 से 31 अक्टूबर तक तेज बारिश का पूर्वानुमान जताया है। 30 अक्टूबर को सिस्टम का सबसे अधिक असर देखने को मिल सकता है।

इधर, नवंबर से प्रदेश में ठंड का दौर शुरू होगा, जो इस बार फरवरी तक रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस सर्दी में तापमान सामान्य से नीचे जा सकता है और 2010 के बाद सबसे कड़ाके की ठंड महसूस हो सकती है। साथ ही ला-नीना परिस्थितियों के कारण उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से अधिक बारिश भी हो सकती है।