स्वतंत्र समय, भोपाल
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक ( NABARD ) ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सीधी को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। 368 करोड़ के एनपीए में पहुंचे बैंक की पेडअप कैपिटल 40 करोड़ ही बची है, वहीं बैंक में 398 करोड़ रुपए डिपाजिट के रूप में जमा है, लेकिन बैंक की वेल्यू 537 करोड़ रह गई है। इसे लेकर नाबार्ड ने चेतावनी दी है कि वह आरबीआई को बैंक का लायसेंस निरस्त करने की सिफारिश कर सकता है।
NABARD ने 2023 की रिपोर्ट तैयार की है
मुख्य सचिव को 15 अक्टूबर को लिखे गए पत्र में नाबार्ड ( NABARD ) ने कहा- बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 35 (6) के अंतर्गत 31 मार्च 2023 की वित्तीय स्थिति पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित सीधी निरीक्षण किए जाने पर कई खामिया पाई गई हैं। बैंक का निरीक्षण-पर्यवेक्षण 31 मार्च 2023 की वित्तीय स्थिति में किया गया। जिसकी रिपोर्ट 26 जून 2024 को जारी की गई है। बैंक का कार्यप्रणाली में कई खामियां पाई गई हैं। नाबार्ड ने मार्च 2022 की तुलना में 2023 की रिपोर्ट तैयार की है।
बैंक की वित्तीय स्थिति चिंताजनक
नाबार्ड ने सीएस से आग्रह किया है कि इस मामले में आप बैंक और संबंधित विभाग को बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के प्रावधानों के तहत एनपीए को निम्न स्तर पर लाने, बैंक में आंतरिक जांच और नियंत्रण प्रणाली में तत्काल सुधार के निर्देश दें। नाबार्ड ने कहा-बैंक की वित्तीय स्थिति चिंताजनक है। यदि बैंक की स्थिति में सुधार के लिए तत्काल उपाय शुरू नहीं किए जाते है तो नाबार्ड भारतीय रिजर्व बैंक को लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश करेगा।
रिपोर्ट में पाई गई खामियां
पेडअप कैपिटल 31 मार्च 2022 की स्थिति में 40 करोड़ था, जो मार्च 2023 में भी 40 करोड़ रहा। स्टेंडर्ड एसेट केवल 2.26 करोड़ है, बैंक 337 करोड़ के घाटे में चल रही है। बैंक में कुल 2 करोड़ 87 लाख रुपए ही कैश है, जो कि बहुत कम है। करंट एकाउंट में बैलेंस 330 करोड़, लोन पर एडवांस 2022 में 444.97 करोड़ था, जो 2023 में 451 करोड़ हो गया। डिपाजिट एकाउंट में 31 मार्च 2022 में 150.66 करोड़ था, जो मार्च 2023 में घटकर सिर्फ 18.74 करोड़ रह गया है। इस तरह की कई खामियों की चलते नाबार्ड ने बैंक का लायसेंस रद्द करने की चेतावनी दी है।