स्वतंत्र समय, भोपाल
चार साल बीतने के बाद अधिकारी 22 गांवों की निजी भूमि का भू-अर्जन-विस्थापन ( displacement ) का काम नहीं करा सके। नदियों को जोड़ने वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना का भूमि पूजन प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर 2024 को बुंदेलखंड में कर चुके हैं। इसे भी चार माह गुजरने वाला है, वहीं 22 मार्च 2021 को इस परियोजना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस लापरवाही से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह प्रोजेक्ट 2029-30 नहीं,बल्कि 2035 तक ही पूरा हो सकेगा।
displacement तो दूर कर्मचारी नहीं हो पाए नियुक्त
गौरतलब है कि केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना देश में भूमिगत दाबयुक्त पाइप सिंचाई प्रणाली वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। 44,605 करोड़ की परियोजना से पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा व 2.13 किमी लंबाई के दौधन बांध और दो टनल का निर्माण कर बांध में 2,853 मिलियन घनमीटर जल का भंडारण किया जाएगा। बांध से 221 किमी लंबी लिंक नहर के द्वारा दोनों राज्यों में सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिलेगी। परियोजना से मध्य प्रदेश के 10 जिले पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी एवं दतिया के दो हजार गांवों की 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। उधर, सरकार अभी तक इस प्रोजेक्ट को शुरू करने 139 अधिकारियों तथा कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं कर सकी है, वहीं वित्त पोषण व्यवस्था के लिए हाल ही में राज्य सरकार ने आदेश जारी किए हैं।
एमपी ने अभी तक नहीं लिया 3 करोड़ का कर्ज
केन-बेतवा लिंक परियोजना का क्रियान्यन करने भारत सरकार द्वारा 39 हजार 317 करोड़ रुपए की राशि केंद्रीय सहायता के रूप में दी जाने वाली है, वहीं मप्र सरकार को इसके लिए 3 करोड़ रुपए का कर्ज भी लेना पड़ रहा है, जबकि एग्रीमेंट के हिसाब से 90 प्रतिशत राशि केंद्र और 10 प्रतिशत राशि राज्यों को खर्च करना है। इस प्रोजेक्ट पर 920 करोड़ रुपए केवल पावर हाउस बनाने पर खर्च किए जाएंगे और 33 हजार 596 करोड़ रुपए दौधन बांघ लिंक नहर पर खर्च किए जाएंगे।
बीना कॉप्लेक्स को भी इसी प्रोजेक्ट से जोड़ा
मप्र सरकार ने 7 मार्च 2025 को आदेश जारी करते हुए अन्य सिंचाई परियोजना में यूपी के दो बैराज, एमपी के लोअर और कोठा बैराज तथा बीना कॉप्लेक्स जिसकी लागत 10 हजार 91 करोड़ रुपए है। इसके लिए केंद्र सरकार से 60 प्रतिशत केंद्रीय अनुदान तथा राज्यों को 30 प्रतिशत वह राशि खर्च करनी होगी, जो केंद्रीय ब्याज वाले ऋण से संबंधित है। यह राशि बिना ब्याज राज्यों को अनुदान के रूप में मिलेगी और दोनों राज्यों को सिर्फ 10 प्रतिशत पैसा ही बहन करना होगा। यानि केन-बेतवा लिंक से बीना कॉप्लेक्स को भी जोड़ दिया गया है।