नगर निगम लंबे समय से स्टाफ की कमी का सामना कर रहा है। इस समस्या को दूर करने के लिए अब निगम ने लगभग 400 आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती की योजना बनाई है। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है और इसे एक बार फिर से एमआइसी (महापौर परिषद) में भेजा जाएगा। इन कर्मचारियों की सेवाएं सिर्फ सफाई कार्यों तक सीमित नहीं होंगी, बल्कि उन्हें राजस्व, संपत्तिकर, विद्युत, जलकर, मदाखलत और जनकल्याण जैसे अन्य विभागों में भी लगाया जाएगा।
900 की जगह 400 कर्मचारी होंगे नियुक्त
शुरुआत में निगम का इरादा 900 कर्मचारियों की भर्ती करने का था, लेकिन सामान्य प्रशासन के नियमों के चलते यह संख्या घटाकर 400 कर दी गई। निगम आयुक्त ने बताया कि इस विषय पर पहले भी प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन बीते सप्ताह हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इसे दोबारा भेजने के निर्देश मिले। इसके लिए नगरीय प्रशासन आयुक्त से भी चर्चा की जा चुकी है।
प्रस्ताव को एमआइसी और परिषद से मिलेगी मंजूरी
भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाने से पहले प्रस्ताव को एमआइसी में भेजा जाएगा। यदि वहां से स्वीकृति मिलती है, तो जरूरत पड़ने पर इसे निगम परिषद में भी रखा जाएगा। दोनों जगह से मंजूरी मिलने के बाद ही आउटसोर्सिंग के जरिए कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। हालांकि, इन कर्मचारियों की भर्ती से निगम पर हर महीने करीब 60 लाख रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी आएगा।
अधिकारी करेंगे रोजाना निरीक्षण
निगम आयुक्त संघ प्रिय ने सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में सभी अपर आयुक्तों को निर्देश दिया कि वे प्रतिदिन अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर सड़क, सीवर, जलभराव और पेचवर्क की स्थिति का निरीक्षण करें। साथ ही, जिस दिन पेचवर्क किया जाए, उसकी गुणवत्ता की जांच अगले दिन संबंधित ज़ोन अधिकारी (जेडओ) द्वारा की जानी चाहिए।
लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई
बैठक के दौरान वार्ड 28 में सड़क की जांच रिपोर्ट समय पर नहीं देने और लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की गई। सिटी प्लानर (सीपी) एपीएस जादौन, पार्क अधीक्षक मुकेश बंसल और अवैध कॉलोनियों की जानकारी खसरे पर दर्ज न कराने पर भवन अधिकारी राजू गोयल, बीके त्यागी, पवन शर्मा और राकेश कश्यप को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। साथ ही इस मामले को लेकर एसडीएम को पत्र लिखने के निर्देश भी दिए गए।