स्वतंत्र समय, भोपाल
चुनाव आयोग ने सोमवार को मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। इन राज्यों में चुनावी प्रक्रिया 27 दिन चलेगी। चुनाव की तिथियां घोषित होने के साथ ही पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। सबसे पहले मिजोरम में 7 नवंबर को मतदान होगा। इसके बाद मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होगा। छत्तीसगढ़ में 2 चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को वोटिंग होगी। फिर 23 नवंबर को राजस्थान और 30 नवंबर को तेलंगाना में वोट डाले जाएंगे। सभी 5 राज्यों में एक साथ 3 दिसंबर को रिजल्ट आएंगे। मध्यप्रदेश में अभी बीजेपी सत्ता में है, तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। तेलंगाना में केसीआर की पार्टी बीआरएस की तो वहीं, मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता में है।
इस बार 60.2 लाख फस्र्ट टाइम वोटर्स
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉफ्रेंस में बताया कि इन राज्यों में कुल 16.14 करोड़ वोटर्स हैं। इनमें 8.2 करोड़ पुरुष, 7.8 करोड़ महिला वोटर्स हैं। इस बार 60.2 लाख नए वोटर्स पहली बार वोट डालेंगे। इनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। 15.39 लाख वोटर ऐसे हैं, जो 18 साल पूरे करने जा रहे हैं और जिनकी एडवांस एप्लिकेशन प्राप्त हो चुकी हैं।
इन चुनाव की 5 बड़ी बातें, 8192 पोलिंग बूथों पर महिलाएं कमान संभालेंगी5 राज्यों की 679 विधानसभा सीटों के लिए 1.77 लाख aपोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
- 17734 मॉडल बूथ, 621 पोलिंग बूथों को दिव्यांग कर्मचारी मैनेज करेंगे।
- 8192 पोलिंग बूथों पर महिलाएं कमान संभालेंगी। 1.01 लाख पोलिंग बूथ पर वेबकास्टिंग होगी।
- आदिवासियों के स्पेशल बूथ होंगे। 2 किलोमीटर के अंदर पोलिंग बूथ होंगे।
- सी विजिल ऐप से चुनावी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। लोग ऐप के जरिए शिकायत कर सकेंगे।
मध्यप्रदेश में दिवाली के 5 दिन बाद मतदान
मध्य प्रदेश में दिवाली के 5 दिन बाद मतदान होगा। प्रदेश की सभी 230 सीटों पर एक ही फेज में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। इसके 16 दिन बाद 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे। यानी मध्यप्रदेश में आज से 55वें दिन ये तस्वीर साफ हो जाएगी कि किसकी सरकार बनेगी।
- 2018 में दिवाली के 21 दिन बाद 28 नवंबर को वोटिंग हुई थी और 11 दिसंबर को काउंटिंग हुई थी। 2023 के मध्यप्रदेश में 5 करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 वोटर हैं। 2018 में 5 करोड़ 4 लाख 33 हजार 79 वोटर थे।
- पांचों राज्यों में पिछली बार 11 दिसंबर को आया था रिजल्ट
- 2018 में राजस्थान में 7 दिसंबर, मध्यप्रदेश में 28 नवंबर, तेलंगाना में 7 दिसंबर, मिजोरम में 18 नवंबर को एक फेज में वोटिंग हुई थी। वहीं छत्तीसगढ़ में दो फेज में 12 और 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी।
- रिजल्ट 11 दिसंबर को एनाउंस किया गया था।
- इन चुनाव की 5 बड़ी बातें, 8192 पोलिंग बूथों पर महिलाएं कमान संभालेंगी
- तबादलों, घोषणाओं और सरकारी वाहनों के उपयोग पर लगी रोक
विधानसभा चुनाव 17 नवंबर को होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को दिल्ली से चुनाव की घोषणा कर दी। इसके साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई। अब न तो कोई तबादला होंगे और न सरकार कोई घोषणा नहीं कर सकेगी। आचार संहिता लगने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान का बरगी दौरा निरस्त हो गया है। इसी दिन सोमवार को मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने प्रेस को चुनाव की तैयारियां, राजनैतिक दलों को नियमों की जानकारी देते हुए प्रशासन को भी अलर्ट रहने की चेतावनी दी है। राजन ने बताया कि अब कोई्र भी मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यमंत्री समेत मंत्री दर्जा प्राप्त समेत भी सरकारी वाहन उपयोग न करने की हिदायत भी दी।
प्रदेश में 5 करोड़ 61 लाख 36 हजार 220 मतदाता
- पुरुष: दो करोड़ 88 लाख 25 हजार 607
- महिला: दो करोड़ 72 लाख 33 हजार 945
- अन्यः एक हजार 373
- सेवा मतदाताः 75 हजार 295
- 21 अक्टूबर को अधिसूचना, नामांकन की प्रक्रिया
- 17 नवंबर को होगा मतदान
- 2 नवंबर तक नामांकन वापस ले सकेंगे अभ्यर्थी, तीन दिसंबर को मतगणना
64 हजार 523 मतदान केंद्र: मतदान के लिए 64 हजार 523 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा रहेगी। इसके लिए उन्हें आवेदन भरकर बूथ लेवल आफिसर को देना होगा। निर्वाचन अधिकारी संबंधित मतदाता के घर जाएंगे और मतदान की गोपनीयता का पालन करते हुए मतदान कराया जाएगा। पारदर्शिता के इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इस बार परिवर्तन यह भी किया गया है कि मतदान दल में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों को डाक मतपत्र घर ले जाने के लिए नहीं दिए जाएंगे। इन्हें सुविधा केंद्र पर ही डाक मतपत्र भरकर देना होगा।