Ganesh Temple In Madhya Pradesh: भारत में गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस बार गणेश उत्सव 7 सितंबर 2024 से शुरू हो रहा है। महाराष्ट्र में भले ही गणेश उत्सव की रौनक सबसे ज्यादा दिखती हो, लेकिन मध्य प्रदेश में भी भगवान गणेश के भक्तों की आस्था किसी से कम नहीं है। गणेश चतुर्थी के मौके पर भक्त मंदिरों में जाकर बप्पा के दर्शन करते हैं, प्रार्थनाएं करते हैं और अपने मन की मुरादें मांगते हैं।
अगर आप भी गणेश उत्सव के इस खास मौके पर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध गणेश मंदिरों का दर्शन करना चाहते हैं, तो हम आपके लिए लेकर आए हैं पांच ऐसे मंदिरों की लिस्ट जो न सिर्फ आस्था का केंद्र हैं, बल्कि चमत्कारों के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
1. चिंतामण गणेश मंदिर, उज्जैन
उज्जैन वैसे तो महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां स्थित चिंतामण गणेश मंदिर भी भक्तों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि इसका निर्माण स्वयं भगवान गणेश ने किया था। कुछ कहानियों में यह भी बताया गया है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान इस मंदिर की स्थापना की थी। गणेश चतुर्थी के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, और हर भक्त अपने साथ एक विशेष मनोकामना लेकर आता है।
2. खजराना गणेश मंदिर, इंदौर
इंदौर में स्थित खजराना गणेश मंदिर को मध्य प्रदेश के सबसे पवित्र और चमत्कारी मंदिरों में गिना जाता है। यहां की मान्यता है कि जो भी भक्त मंदिर की दीवार पर सच्चे मन से धागा बांधता है, उसकी हर मुराद पूरी हो जाती है। इस मंदिर का निर्माण होलकर वंश द्वारा कराया गया था। गणेश चतुर्थी के समय इस मंदिर में लंबी-लंबी कतारें लगती हैं और पूरा वातावरण “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों से गूंज उठता है। इंदौर में एक और प्रसिद्ध स्थल है बड़ा गणपति मंदिर, जिसे भी इस दौरान ज़रूर देखा जाना चाहिए।
3. सिद्धेश्वर गणेश मंदिर, छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा में स्थित सिद्धेश्वर गणेश मंदिर करीब 250 साल पुराना है और इसे शहर का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यहां हर दिन बड़ी संख्या में भक्त आते हैं, खासकर गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां भीड़ का कोई हिसाब नहीं रहता। कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी सच्चे मन से पूजा, हवन और अर्चना करता है, उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। गणेश उत्सव के दौरान इस मंदिर को दीपों और फूलों से भव्य रूप से सजाया जाता है।
4. मोटे गणेश मंदिर, ग्वालियर
ग्वालियर का मोटे गणेश मंदिर इतिहास और आस्था का अद्भुत संगम है। यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है और यहां दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं – चाहे वे महाराष्ट्र से हों, उत्तर प्रदेश से या गुजरात से। इस मंदिर में भगवान गणेश की विशाल मूर्ति है, जिसे ‘मोटे गणेश’ कहा जाता है। गणेश चतुर्थी के समय मंदिर के आस-पास मेला जैसा माहौल होता है। कई लोग यहां अपने परिवार के साथ दर्शन करने के लिए खास तौर पर ग्वालियर की यात्रा करते हैं।
5. कल्कि गणेश मंदिर, जबलपुर
जबलपुर में स्थित कल्कि गणेश मंदिर बाकी सभी मंदिरों से अलग है। यह मंदिर इसलिए खास है क्योंकि यहां भगवान गणेश पारंपरिक चूहे की सवारी नहीं करते, बल्कि वे घोड़े पर सवार दिखते हैं। यही कारण है कि इस मंदिर को चमत्कारी स्थल माना जाता है। हजारों भक्त यहां रोज़ आते हैं, लेकिन गणेश चतुर्थी के दौरान यहां भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। फूलों और रोशनी से सजे इस मंदिर का दृश्य मन को शांति और आंखों को सुख देता है।