जापान के उत्तर-पूर्वी तट पर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया है। भूकंप का केंद्र आओमोरी प्रांत के तट से लगभग 80 किलोमीटर दूर, 50 किलोमीटर गहराई में स्थित था। इस भूकंप के तुरंत बाद जापान सरकार ने सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि आओमोरी और होक्काइडो के तटों पर तीन मीटर (लगभग 10 फीट) ऊंची सुनामी आ सकती है। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने या बड़े नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।
सुनामी का खतरा और प्रभावित क्षेत्र
पैसिफिक सुनामी वॉर्निंग सेंटर (PTWC) ने चेतावनी जारी की है कि भूकंप से उत्पन्न खतरनाक लहरें जापान के साथ-साथ रूस के तटों तक पहुंच सकती हैं। इसके अलावा भूकंप के केंद्र से 1,000 किलोमीटर के दायरे में आने वाले किसी भी क्षेत्र में भी विनाशकारी लहरों का खतरा बना हुआ है। होक्काइडो के स्थानीय लोगों ने भूकंप के दौरान का वीडियो भी साझा किया, जिससे इस प्राकृतिक घटना की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जापान में भूकंप क्यों आते हैं?
जापान दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां भूकंप आम होते हैं। इसका कारण यह है कि यह देश “रिंग ऑफ फायर” के क्षेत्र में स्थित है। रिंग ऑफ फायर वह जगह है जहां पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटें आपस में लगातार टकराती हैं। इस टेक्टोनिक गतिविधि के कारण जापान में अक्सर तेज भूकंप आते रहते हैं।
इस क्षेत्र में मार्च 2011 में एक भयंकर भूकंप और सुनामी आई थी, जिसमें हजारों लोग मारे गए और व्यापक तबाही हुई। उस समय की आपदा ने जापान को सतर्क रहने और आपात प्रबंधन के महत्त्व को समझाया।
अधिकारियों की चेतावनी और सतर्कता
इस बार भले ही अभी तक बड़े नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन जापानी अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे समुद्र तट से दूर रहें और ऊंची जगहों पर चले जाएँ। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आकस्मिक स्थिति में तत्काल सुरक्षित स्थान पर पहुँचने की सलाह दी है।