Democracy: प्यू रिसर्च सेंटर की इस सप्ताह जारी एक रिपोर्ट ने भारत को लोकतांत्रिक संतुष्टि में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बताया है, जबकि कई विकसित देशों में अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर भारी असंतोष देखा गया है। 2025 की वसंत ऋतु में 23 देशों में किए गए इस सर्वेक्षण में पाया गया कि 74 प्रतिशत भारतीय अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था के कामकाज से संतुष्ट हैं।
इस आंकड़े ने भारत को वैश्विक Democracy स्वीकृति में शीर्ष देशों में शामिल कर दिया। इसके विपरीत, जापान में केवल 24 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली से खुश हैं, जो सर्वे में सबसे कम है।रिपोर्ट में उच्च-आय वाले देशों में लोकतांत्रिक असंतोष के कारणों की पड़ताल की गई है। जहां भारत ने अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था दोनों के प्रति उच्च संतुष्टि दिखाई, वहीं फ्रांस, ग्रीस, इटली, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में दोनों क्षेत्रों में असंतोष देखा गया।
सर्वे में शामिल 23 देशों में औसतन 58 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था से असंतुष्ट पाए गए, जो वैश्विक स्तर पर बढ़ती निराशा को दर्शाता है। तुलनात्मक रूप से, 2017 में यह औसत संतुष्टि 49 प्रतिशत थी। कोविड-19 महामारी के बाद से लोकतांत्रिक संतुष्टि में यह गिरावट लगातार देखी जा रही है।सर्वे में सबसे अधिक लोकतांत्रिक असंतोष वाले देशों में ग्रीस शीर्ष पर रहा, जहां 81 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था से नाखुश थे।
जापान 76 प्रतिशत असंतुष्टि के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि दक्षिण कोरिया में 71 प्रतिशत लोगों ने असंतोष व्यक्त किया।भारत का यह उच्च संतुष्टि स्तर न केवल उसकी लोकतांत्रिक प्रणाली की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारतीय नागरिक अपनी सरकार और अर्थव्यवस्था के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।
यह सर्वे भारत के लिए एक सकारात्मक संदेश देता है, खासकर तब जब कई विकसित देश अपनी Democracy प्रणालियों को लेकर संशय में हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस विश्वास को भविष्य में कैसे बनाए रखता है।