स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
राज्यसभा और लोकसभा में सोमवार को कुल 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा में हंगामे पर आसन ने सख्त कार्रवाई करते हुए 33 सांसदों को निलंबित कर दियास, जबकि राज्यसभा में सभापति ने 45 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड कर दिया। लोकसभा में विपक्षी सांसदों के तख्तियां दिखाने को लेकर ये कार्रवाई की है। निलंबित सांसदों में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं।
इसके अलावा राज्यसभा में कांग्रेस के जयराम रमेश को भी निलंबित कर दिया गया है। आसन ने सभी सांसदों को शीतकालीन सत्र के बचे हुए कार्य दिवस के लिए निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने की मांग रखी। इसके बाद आसन ने इन सदस्यों को सस्पेंड कर दिया। लोकसभा में गत शुक्रवार को 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इस प्रकार राज्यसभा और लोकसभा मिलाकर कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। सांसदों को निलंबित करने के बाद लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
गौरतलब है कि स्पीकर ओम बिरला ने सभी सदस्यों से सदन में प्लेकार्ड यानी तख्तियां नहीं लाने का आग्रह किया था, लेकिन संसद की सुरक्षा में चूक के मामले पर विपक्षी सांसद लगातार तख्तियां आसन के सामने दिखा रहे थे। यही नहीं लोकसभा में विपक्षी सांसद अब्दुल खालिक, विजय वसंत और के जयकुमार के मामले को प्रिवलेज कमिटी को भेज दिया गया है।
कार्रवाई के बाद विपक्ष हुआ लाल
सरकार की कार्रवाई के बाद विपक्ष लाल है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार का काम है सदन चलाना। हमें निलंबित करके आवाज दबाई जा रही है। वहीं, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार हमारी आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार गृह मंत्री अमित शाह को बचाना चाहती है। चौधरी ने कहा कि हम पिछले दो दिन से अपने पहले निलंबित किए गए सांसदों का निलंबन खत्म करने की मांग कर रहे थे। हम संसद में सुरक्षा चूक पर बहस की मांग कर रहे थे।