7th pay Commission : चुनावी वर्ष को मद्देनजर रखते हुए लाखों कर्मचारियों के लिए नई सौगात प्रस्तुत की गई हैं। दरअसल 20 सितंबर को हुई गहलोत कैबिनेट की मीटिंग में प्रदेश के कर्मचारियों के पक्ष में एक बेहद बड़ा निर्णय लिया गया है। वहीं विधानसभा इलेक्शन से पूर्व कर्मचारियों को प्रसन्न करने के लिए उनकी लंबे वक़्त से चली आ रही डिमांड्स को मान लिया गया है।
अब कर्मचारियों को 9, 18 और 27 वर्ष की सेवा पूरी होने पर 1992 के तंत्र से बढ़े हुए नए वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। कैबिनेट में इसके लिए कई रूल्स में संशोधन को स्वीकृति दे दी गई है। अब आईएम रूल्स में परिवर्तन से शासकीय कर्मचारियों को प्रचार प्रसार में अधिक धन मिलेगा।
वहीं 1992 से पूर्व कर्मचारियों को 9, 18 और 27 वर्ष की सर्विस पूर्ण करने पर प्रचार प्रसार पद का वेतनमान दिए जाने का नियम था। छठा वेतन आयोग घोषित होने के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट ने एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (ACP) को संशोधित कर जारी कर दिया गया था। इसके अंतर्गत 10, 20, 30 वर्ष की सर्विस पर एक आगे की नए वेतनमान देने का नियम जारी कर दिया गया था।
इसी बुनियाद पर राज्य में 1 जनवरी 2006 से छठा वेतन आयोग लागू करते वक़्त चयन स्केल की बजाए एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (ACP) का प्रबंध लागू कर दिया गया था। इसके अंतर्गत कर्मचारियों को 9, 18, 27 और स्टेट सेवा को 10, 20, 30 वर्ष की सर्विस पूर्ण होने पर एक उच्च नए वेतनमान दिए जाने का नियम जारी कर दिया गया था।
इसी के साथ राज्य कर्मियों को नए वेतनमान का लाभ विलंब से मिलने की वजह से कर्मचारी केटेगरी के लोग क्रोधित थे। एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन प्रबंधन लागू होने पर श्रमिकों के हित में कमी आ गई थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट प्रस्तुत करने के बीच ACP में दूसरी बार संशोधन करते हुए स्टेट सेवा समेत तमाम कर्मियों को 1992 में स्वीकृति मिल गई। चयनित ग्रेड के बल पर 9, 18, 27 वर्ष की सर्विस पूरी करने पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय प्रमोषम वाले वेतनमान दिए जाने का भी ऐलान कर दिया गया था।