मध्यप्रदेश के 80 लाख कुपोषित बच्चों को Nutritious food का संकट

सीताराम ठाकुर, भोपाल

मप्र की 97 हजार से ज्यादा आंगनवाड़ी केंद्रों में 80 लाख से ज्यादा कुपोषित बच्चों को पोषित करने पूरक पोषण आहार ( Nutritious food ) मुहैया कराया जाता है। इनमें करीब एक लाख बच्चे अतिकुपोषण के शिकार भी शामिल हैं। इसके लिए भारत सरकार 74 फीसदी फंड उपलब्ध कराता है, लेकिन बीते साल पूरक पोषण आहार के लिए मिलने वाले 1623 करोड़ में से केंद्र ने मप्र को 1123 करोड़ की राशि आवंटित की। यानी 500 करोड़ रुपए अभी नहीं दिए है, वहीं अन्य योजनाओं में 2794 करोड़ के बदले 1495 करोड़ रुपए ही मिल सके हैं।

Nutritious food की दो योजनाओं पर संकट

प्रदेश में महिलाओं तथा बच्चों के कल्याण के लिए मप्र सरकार द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण आहार ( Nutritious food ) 2.0 योजना, नारी अदालत, हब फॉर वूमन एम्पॉवरमेंट, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, पोषण अभियान (एनएनएम), स्वधार योजना (मिशन शक्ति संबल), वन स्टॉप सेंटर (सखी), महिला शक्ति केंद्र, वात्सल्य योजना, महिला विश्रामालय का भवन निर्माण, समेकित बाल संरक्षण योजना, किशोरी बालिका योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम विशेष पोषण आहार योजना तथा मिशन वात्सल्य का संचालन किया जाता है। इन योजनाओं का क्रियान्वयन करने सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट में 4 हजार 330 करोड़ का प्रावधान किया था। इसमें से 1535 करोड़ की राशि मप्र सरकार को बहन करनी थी और 2794 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिलने थे, लेकिन 31 मार्च तक की स्थिति में केंद्र से मप्र को 1495 करोड़ रुपए ही उपलब्ध हो सके। इससे पोषण आहार के वितरण की दो योजनाओं पर संकट खड़ा हो गया है।

इन योजनाओं की भी स्थिति खराब…

योजना केंद्र से मिलना मिली राशि

  • समेकित बाल 104.27 00.00
  • वन स्टॉप सेंटर 21.09 03.70
  • मातृ वंदना योजना 280.78 00.00
  • पोषण अभियान 200.14 00.00
  • इनमें दिया ज्यादा पैसा
  • बेटी बचाओ-पढ़ाओ 15.10 18.76
  • स्वधार योजना 01.50 113.88
  • महिला शिशु स्वास्थ्य 00.00 60.84

(स्त्रोत वित्त विभाग, राशि करोड़ रुपए में)

विशेष पोषण आहार में नहीं मिला पांच पैसा

न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम विशेष पोषण आहार योजना में मप्र सरकार ने 1272 करोड़ का बजट प्रावधान किया था, इसमें से मप्र सरकार ने 647 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं, लेकिन केंद्र सरकार से उसके हिस्से के 625 करोड़ रुपए की राशि अभी तक नहीं मिली। इसी तरह सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण-2.0 के लिए 2191 करोड़ के बदले केंद्र से 1623 करोड़ रुपए मिलना था, जिसमें केंद्र ने अभी तक 1123 करोड़ ही दिए और 500 करोड़ की राशि अभी भी अटकी हुई है।

6 साल तक के बच्चों को पोषण आहार

प्रदेश में कुपोषण से मुक्ति के लिए मप्र सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से दो योजनाएं चलाई जा रही है। इनमें से एक में 6 माह से 6 साल तक की आयु के बच्चों को सुबह नाश्ता और दोपहर में भोजन दिया जाता है, वहीं एक अन्य योजना में 3 से 6 साल के बच्चों को विशेष पोषण आहार प्रदान करने तरह-तरह के पोष्टिक व्यंजन उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। प्रत्येक बच्चे पर पोषण आहार के लिए 7 से 7.95 रुपए खर्च किए
जाते हैं।

मुझे जानकारी नहीं

महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषण आहार से संबंधित कार्य देख रहे संयुक्त संचालक अक्षय श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैंने हाल ही में पोषण आहार से संबंधित कार्य देखना प्रारंभ किया है। उधर, महिला बाल विकास संचालक सुफिया फारूकी वली से बात करनी चाही, लेकिन उनका फोन बंद मिला।