पिछले कुछ दिनों में एअर इंडिया की उड़ानों को लेकर देशभर में असमंजस की स्थिति बन गई है। अहमदाबाद में 12 जून को हुए विमान हादसे के बाद, एअर इंडिया ने लगातार उड़ानें रद्द करनी शुरू कर दीं। सिर्फ 9 दिनों के भीतर कुल 84 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है।
शुक्रवार को भी कंपनी ने 9 और उड़ानों पर रोक लगाई, जिनमें चार अंतरराष्ट्रीय और चार घरेलू उड़ानें शामिल थीं। यात्रियों में यह आशंका गहराती जा रही है कि क्या “मेंटेनेंस” और “ऑपरेशनल कारणों” की आड़ में कोई गंभीर तकनीकी या सुरक्षा समस्या छुपाई जा रही है?
एअर इंडिया की सफाई और भविष्य की रणनीति
बीते दो दिनों में एअर इंडिया की ओर से दो अहम बयान सामने आए। पहले बयान में कंपनी ने कहा कि वह अपनी उड़ानों में 15% की कटौती करेगी, और फिर यह स्पष्ट किया गया कि यह कटौती 21 जून से 15 जुलाई तक लागू रहेगी। इसके अलावा, हर सप्ताह 38 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बंद किया जाएगा और तीन विदेशी रूट्स दिल्ली-नैरोबी, अमृतसर-लंदन (गैटविक) और गोवा-लंदन (गैटविक) पर सेवाएं पूरी तरह स्थगित रहेंगी।
आज की रद्द उड़ानें: घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रभावित
आज जिन फ्लाइट्स को रद्द किया गया, उनमें घरेलू रूट्स जैसे पुणे-दिल्ली, अहमदाबाद-दिल्ली, हैदराबाद-मुंबई और चेन्नई-मुंबई शामिल हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय रूट्स में दुबई-चेन्नई, दिल्ली-मेलबर्न, मेलबर्न-दिल्ली और दुबई-हैदराबाद की उड़ानों पर ब्रेक लगाया गया है। इसके अलावा, दिल्ली-पुणे की एक फ्लाइट से पक्षी टकरा जाने के कारण उसकी वापसी उड़ान भी रद्द करनी पड़ी।
सुरक्षा जांच और हवाई क्षेत्र की चुनौतियां बनी वजह
एअर इंडिया का दावा है कि उड़ानों में यह कटौती सुरक्षा मानकों को और कड़ा करने तथा पश्चिमी एशिया में हवाई क्षेत्र की बंदी के चलते उड़ान समय बढ़ जाने जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए की जा रही है। कंपनी का कहना है कि यह निर्णय शेड्यूल की स्थिरता बनाए रखने और यात्रियों को अंतिम समय में होने वाली असुविधा से बचाने के लिए लिया गया है।
विमानन नीति या हादसे से उपजी सतर्कता?
हालांकि, आम जनता के मन में यह सवाल बना हुआ है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में उड़ानों को अचानक रद्द करने की असली वजह क्या है? क्या अहमदाबाद हादसे के बाद एअर इंडिया को विमानों की तकनीकी स्थिति का अचानक एहसास हुआ? क्या इससे पहले मेंटेनेंस की अनदेखी हो रही थी? या फिर अब कंपनी अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है और सभी विमानों की कड़ी जांच के बाद ही उन्हें उड़ाने का निर्णय ले रही है?
फिलहाल, एअर इंडिया की उड़ानें भले ही रुकी हुई हों, लेकिन यात्रियों के सवाल लगातार उड़ान भर रहे हैं। देश की यह प्रमुख विमानन कंपनी एक कठिन दौर से गुजर रही है और उसकी विश्वसनीयता की असली परीक्षा अब शुरू हुई है। यात्रियों को उम्मीद है कि यह संकट जल्द खत्म होगा और उड़ानों का संचालन सुरक्षित और नियमित रूप से बहाल होगा।