8th Pay Commission: देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लेकर लंबे समय से इंतजार किए जा रहे 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) पर बड़ा अपडेट सामने आया है। लोकसभा में यह मुद्दा उठने पर केंद्र सरकार ने पहली बार इस पर खुलकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। सरकार ने कहा है कि आयोग के गठन की प्रक्रिया चल रही है, और इसके लिए विभिन्न मंत्रालयों और राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं।
वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में दी जानकारी
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में जानकारी देते हुए कहा कि 8वें वेतन आयोग के गठन से पहले सरकार सभी प्रमुख हितधारकों – जैसे रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) और सभी राज्य सरकारों से राय और सुझाव प्राप्त कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद ही इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी।
कर्मचारियों की बड़ी मांग पर सरकार का जवाब
लोकसभा में सांसद टी आर बालू और आनंद भदौरिया द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि 8वें वेतन आयोग के गठन में कोई देरी नहीं की जा रही है। बल्कि प्रक्रिया के हर चरण को पारदर्शिता और परामर्श से आगे बढ़ाया जा रहा है। सरकार के इस उत्तर से कर्मचारियों के बीच उम्मीद जगी है कि जल्द ही आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की जा सकती है।
वेतन, पेंशन और भत्तों में होगा व्यापक बदलाव
अगर परंपरागत नियमों को देखा जाए, तो हर 10 वर्षों के अंतराल में वेतन आयोग का गठन किया जाता है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था, जो जनवरी 2016 से प्रभावी हुआ था। ऐसे में संभावना है कि 8वां वेतन आयोग 2026 से लागू किया जा सकता है, और इसे 2024-25 के भीतर गठित कर दिया जाएगा। इस आयोग के माध्यम से न केवल कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की जाएगी, बल्कि पेंशन, भत्तों, और न्यूनतम वेतन में भी सुधार किया जाएगा।
कर्मचारियों में बढ़ती उम्मीदें
देशभर में केंद्रीय सरकारी कर्मचारी, रेलवे, रक्षा सेवा से जुड़े जवान, और लाखों पेंशनर्स 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना और सदस्यों की नियुक्ति का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कर्मचारियों को उम्मीद है कि नई सिफारिशों से उनकी आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी, और वे महंगाई के असर को कुछ हद तक काबू में ला सकेंगे।
महंगाई के दौर में राहत की उम्मीद
देश में लगातार बढ़ रही महंगाई, बढ़ती जीवन-यापन की लागत और निजी क्षेत्रों के वेतन से तुलना करने पर सरकारी कर्मचारियों को लगता है कि वेतन ढांचे में सुधार जरूरी है। ऐसे में 8वां वेतन आयोग उनके लिए एक नई आशा की किरण है, जिससे उन्हें जीवन स्तर सुधारने में मदद मिलेगी। खास तौर पर वे कर्मचारी जो ग्रेड-पे या न्यूनतम वेतन स्तर पर हैं, उन्हें इससे सीधा लाभ मिलने की संभावना है।