New Delhi/Patna : बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। नीतीश कुमार 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
इस भव्य समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। JDU, हम, RLM और चिराग पासवान की LJP(R) ने अपने कोटे के मंत्रियों के नाम तय कर लिए हैं, लेकिन सबकी निगाहें भाजपा पर टिकी हैं, जहां दिल्ली में नामों को लेकर अंतिम दौर का मंथन चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इस बार मंत्रिमंडल में 32 से 34 मंत्री हो सकते हैं, जिसमें JDU और भाजपा के 14-15 मंत्री शामिल होंगे। वहीं, चिराग पासवान की पार्टी को 3, जबकि जीतन राम मांझी की ‘HAM’ और उपेंद्र कुशवाहा की RLM को एक-एक मंत्री पद मिलना तय माना जा रहा है।
भाजपा में बड़ा फेरबदल संभव, कई पुराने चेहरों की होगी छुट्टी?
इस बार भाजपा अपने खेमे में बड़े बदलाव के संकेत दे रही है। सूत्रों की मानें तो पार्टी अपने आधे से ज्यादा मौजूदा मंत्रियों को बदल सकती है और नए चेहरों को मौका दे सकती है। इस सिलसिले में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई।
माना जा रहा है कि मंगलवार तक विधायक दल का नेता चुनने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हो सकती है और बुधवार को विधायक दल की बैठक में इस पर मुहर लगेगी।
उपमुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस, तीन फॉर्मूलों पर चर्चा
सबसे ज्यादा सस्पेंस उपमुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर है। भाजपा इस बार जातीय समीकरणों के साथ-साथ भविष्य की लीडरशिप को भी ध्यान में रखकर फैसला लेगी। तीन फॉर्मूलों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है:
फॉर्मूला-1: OBC और EBC का समीकरण साधते हुए मौजूदा डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी के नामों को आगे बढ़ाया जा सकता है।
फॉर्मूला-2: 2020 की तरह किसी महिला नेता को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, जैसा कि रेणु देवी के मामले में हुआ था।
फॉर्मूला-3: एक चौंकाने वाले कदम के तहत, भाजपा चिराग पासवान को उपमुख्यमंत्री बनाकर राज्य की राजनीति में सक्रिय करने पर विचार कर रही है। हालांकि, चिराग या उनकी पार्टी ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
JDU पुराने चेहरों पर ही जताएगी भरोसा
नीतीश कुमार की पार्टी JDU अपने कोटे के मंत्रियों में कोई बड़ा बदलाव करने के मूड में नहीं है। पार्टी अपने पुराने और अनुभवी नेताओं पर ही भरोसा जताएगी। पिछली सरकार के 13 मंत्रियों में से करीब 10 को फिर से मौका मिल सकता है, जबकि 4-5 नए नाम जोड़े जा सकते हैं।
वहीं, सहयोगियों में ‘हम’ से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी और RLM से उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। LJP(R) से प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी का नाम प्रमुख है।
स्पीकर पद भी भाजपा के पास रहेगा
पिछली बार की तरह इस बार भी विधानसभा अध्यक्ष का पद भाजपा अपने पास रख सकती है। अगर विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है, तो उन्हें स्पीकर की जिम्मेदारी दी जा सकती है। 2020 में JDU के कमजोर प्रदर्शन के बाद भाजपा ने यह पद अपने पास ले लिया था और यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है।
शपथ के बाद होगा विधानसभा सत्र
बुधवार को एनडीए विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को नेता चुना जाएगा, जिसके बाद वह राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। 20 नवंबर को शपथ ग्रहण के बाद 18वीं विधानसभा का पहला सत्र 24 या 25 नवंबर से शुरू हो सकता है।
इस सत्र में प्रोटेम स्पीकर नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे और फिर नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। खास बात यह है कि इस बार बिहार विधानसभा पूरी तरह पेपरलेस होगी, जिसके लिए सभी विधायकों की मेज पर टैबलेट लगाए गए हैं।
सूत्रो के अनुसार बिहार में भाजपा कोटे से संभावित नाम:
सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा का नाम उपमुख्यमंत्री के लिए तय माना जा रहा है। वहीं अन्य मंत्री मंडल के लिए इन नामों की लिस्ट तैयार की गई है। मंगल पांडे नितिन नवीन नीतीश मिश्रा रेणु देवी संजय सरावगी रजनीश कुमार
जदयू कोटे से संभावित नाम: विजय कुमार चौधरी बिजेन्द्र यादव श्रवण कुमार अशोक चौधरी शीला कुमारी (शायद) सुनील कुमार मदन सहनी (शायद) जमा खान लेसी सिंह
अन्य सहयोगी दलों से: संतोष कुमार सुमन (हम) राजू तिवारी (लोजपा-रामविलास) स्नेहलता कुशवाहा (रालोमो)