सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह में बोलीं ऐश्वर्या राय, PM मोदी की मौजूदगी को बताया प्रेरणादायक

New Delhi : आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण जैसी कई बड़ी हस्तियां शामिल हुईं।

इसी मंच से बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन का एक भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने धर्म, जाति और मानवता पर गहरा संदेश दिया।

सफेद सूट में मंच पर पहुंचीं ऐश्वर्या ने श्री सत्य साईं बाबा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बाबा के विचार, अनुशासन और भक्ति आज भी दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को बदल रहे हैं।

PM मोदी की उपस्थिति पर जताया आभार

ऐश्वर्या राय ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी को विशेष बताया। उन्होंने पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां हमारे साथ उपस्थित होने और इस विशेष अवसर का सम्मान करने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं।”

उन्होंने आगे कहा, “पीएम मोदी की उपस्थिति इस शताब्दी समारोह में पवित्रता और प्रेरणा जोड़ती है। यह हमें सत्य साईं के इस संदेश की याद दिलाती है कि सच्चा नेतृत्व सेवा है और मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है।”

मानवता और प्रेम का संदेश हुआ वायरल

अपने भाषण के दौरान ऐश्वर्या ने सत्य साईं बाबा के उस संदेश को दोहराया जो आज के समय में भी प्रासंगिक है। उनके इस बयान की काफी चर्चा हो रही है।

“सबको प्यार, सबकी सेवा करो। सिर्फ एक ही जाति है और वो है मानवता। एक ही धर्म है और वो है प्यार। एक ही भाषा है और वो है दिलों की भाषा। और एक ही भगवान हैं जो सभी जगह हैं।” — ऐश्वर्या राय बच्चन

ऐश्वर्या का यह बयान लोगों को काफी पसंद आ रहा है और इसे सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है।

बाबा से रहा है पुराना नाता

ऐश्वर्या राय बच्चन और उनका परिवार श्री सत्य साईं बाबा के पुराने अनुयायी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐश्वर्या के जन्म के समय उनके माता-पिता आशीर्वाद लेने पुट्टपर्थी आए थे।

इतना ही नहीं, ऐश्वर्या खुद भी सत्य साईं बाबा के स्कूल में बाल विकास की छात्रा रह चुकी हैं, जहां उन्होंने धर्मशास्त्र का ज्ञान प्राप्त किया था। 1994 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने के बाद भी वह आशीर्वाद लेने के लिए पुट्टपर्थी पहुंची थीं।