नीतीश कैबिनेट की संभावित टीम तय, प्रेम कुमार स्पीकर पद के दावेदार, 11 नए नेताओं को मिल सकती है मंत्री पद की जिम्मेदारी

पटना: बिहार की राजनीति में एक बड़े बदलाव के तहत जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ मिलकर सरकार बना ली है। उन्होंने रविवार को राजभवन में आयोजित एक समारोह में दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

इस शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया और कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा के समर्थन से नई सरकार का गठन कर लिया। यह बिहार के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।

दो उपमुख्यमंत्री, भाजपा का मजबूत प्रतिनिधित्व

नई सरकार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मजबूत भागीदारी सुनिश्चित की गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। दोनों नेताओं ने भी नीतीश कुमार के साथ शपथ ग्रहण की। इस कदम को राज्य में सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

मंत्रिमंडल में शामिल हुए ये चेहरे

मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के अलावा, कुल छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें भाजपा और जदयू दोनों दलों के वरिष्ठ नेता शामिल हैं। मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में निम्नलिखित नेताओं को जगह मिली है:

भाजपा कोटे से:

  • डॉ. प्रेम कुमार: एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता, जिन्हें विधानसभा का नया अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चा है।
  • विजय कुमार चौधरी: जदयू के वरिष्ठ नेता और पिछली सरकारों में भी महत्वपूर्ण विभागों को संभाल चुके हैं।
  • विजेंद्र प्रसाद यादव: जदयू के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक, जो लंबे समय से मंत्री पद पर रहे हैं।

जदयू कोटे से:

  • श्रवण कुमार: नीतीश कुमार के करीबी और ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मंत्री।

इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ से संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

डॉ. प्रेम कुमार हो सकते हैं नए विधानसभा अध्यक्ष

सूत्रों के अनुसार, गया से भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ. प्रेम कुमार को बिहार विधानसभा का अगला अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वह पहले भी मंत्री पद संभाल चुके हैं और एक अनुभवी राजनेता माने जाते हैं। विजय कुमार सिन्हा के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद अध्यक्ष का पद खाली हो गया है, जिसे अब प्रेम कुमार द्वारा भरे जाने की प्रबल संभावना है।

राजनीतिक समीकरण और भविष्य

नीतीश कुमार का यह कदम 2024 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले हुआ है, जिसे राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में उनकी वापसी ने ‘इंडिया’ गठबंधन को एक बड़ा झटका दिया है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा, जिसमें दोनों दलों के अन्य नेताओं को भी जगह दी जाएगी। फिलहाल, सभी की निगाहें विभागों के बंटवारे पर टिकी हैं।