नीतीश कुमार ने 10वीं बार ली बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बने डिप्टी सीएम

पटना: बिहार में कई दिनों से चल रही राजनीतिक अनिश्चितता पर विराम लग गया है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदलते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ मिलकर सरकार बना ली है। रविवार शाम को पटना स्थित राजभवन में आयोजित एक समारोह में उन्होंने रिकॉर्ड दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

इस नई सरकार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अहम भूमिका है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। इस शपथ ग्रहण के साथ ही बिहार में 18 महीने पुरानी महागठबंधन सरकार का अंत हो गया और एनडीए की सत्ता में वापसी हुई है।

मंत्रिमंडल में इन्हें मिली जगह

नीतीश कुमार के अलावा 8 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के अतिरिक्त, जेडीयू कोटे से वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव और श्रवण कुमार को मंत्री बनाया गया है। वहीं, बीजेपी की ओर से डॉ. प्रेम कुमार ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा, जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ से संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

क्यों टूटा महागठबंधन?

शपथ ग्रहण से पहले रविवार सुबह नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि महागठबंधन में चीजें ठीक नहीं चल रही थीं। उन्होंने कहा,

“आज मैंने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है और जो सरकार थी उसको भी समाप्त करने का बिहार के राज्यपाल महोदय से हमने आग्रह किया है… ऐसी नौबत इसलिए आई है, क्योंकि ठीक नहीं चल रहा था।” — नीतीश कुमार

उन्होंने यह भी बताया कि अपनी पार्टी के नेताओं और विधायकों से मिले फीडबैक के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। यह राजनीतिक बदलाव 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ है, जिसे विपक्षी ‘INDIA’ गठबंधन के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। नीतीश कुमार इस गठबंधन के प्रमुख सूत्रधारों में से एक थे।

अब कहीं नहीं जाने का वादा

शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि अब वे एनडीए के साथ ही रहेंगे। उन्होंने कहा, “हम पहले भी साथ थे, बीच में दो बार इधर-उधर हुए, लेकिन अब फिर वहीं आ गए हैं जहां पहले थे। अब इधर-उधर जाने का सवाल ही नहीं है।” उनका यह बयान उनके बार-बार गठबंधन बदलने को लेकर हो रही आलोचनाओं के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।

नीतीश कुमार ने पहली बार मार्च 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तब से लेकर अब तक वे कई बार गठबंधन बदलकर मुख्यमंत्री बनते रहे हैं। उन्होंने 2022 में बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों के साथ महागठबंधन सरकार बनाई थी, जो अब भंग हो गई है।