कूनो नेशनल पार्क में जन्मी पहली चीता ‘मुखी’ ने 5 शावकों को दिया जन्म, प्रोजेक्ट चीता को मिली ऐतिहासिक सफलता

श्योपुर: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (KNP) से गुरुवार को ‘प्रोजेक्ट चीता’ के लिए एक बेहद उत्साहजनक खबर सामने आई है। भारत की धरती पर जन्मी पहली मादा चीता ‘मुखी’ ने पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। यह इस परियोजना के लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि यह पहली बार है जब भारत में जन्मी किसी चीता ने शावकों को जन्म दिया है।

इस खुशखबरी की घोषणा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की। दोनों ने इसे देश और प्रोजेक्ट चीता के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।

भारत में जन्मी पहली सर्वाइवर ‘मुखी’

मादा चीता ‘मुखी’ का जन्म भारत के लिए खास मायने रखता है। वह नामीबिया से लाई गई मादा चीता ‘ज्वाला’ की संतान है। ज्वाला ने भारत में चार शावकों को जन्म दिया था, लेकिन भीषण गर्मी और प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण उनमें से केवल मुखी ही जीवित बच सकी थी।

लगभग 33 महीने की मुखी भारत के माहौल में पली-बढ़ी और अब उसने खुद पांच शावकों को जन्म देकर चीता संरक्षण कार्यक्रम को एक नई दिशा दी है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में जन्मे चीते यहां के वातावरण के अनुकूल हो रहे हैं और प्रजनन करने में भी सक्षम हैं।

प्रोजेक्ट चीता के लिए बड़ी कामयाबी

विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना प्रोजेक्ट चीता की सफलता का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। इससे यह साबित होता है कि भारत का जंगल और यहाँ का वातावरण चीतों के कुनबे को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त है। यह परियोजना की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

कूनो नेशनल पार्क का प्रबंधन अब इन नए मेहमानों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रहा है। शावकों और उनकी माँ मुखी की गहन निगरानी की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे पूरी तरह स्वस्थ रहें। इस सफलता ने वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणवादियों में खुशी की लहर दौड़ा दी है।