बैतूल पुलिस का बड़ा खुलासा, 9 करोड़ की साइबर ठगी में 3 गिरफ्तार, फर्जी ऐप से रिटायर्ड अफसर को बनाया निशाना

बैतूल: मध्य प्रदेश की बैतूल पुलिस ने जिले के अब तक के सबसे बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा किया है। पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसने एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी से 9 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की। इस मामले में पुलिस ने एक विशेष टीम बनाकर तीन मुख्य आरोपियों को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लोगों को निवेश पर भारी मुनाफे का लालच देकर अपना शिकार बनाता था। इस कार्रवाई में पुलिस ने आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में मोबाइल, सिम कार्ड और बैंक दस्तावेज बरामद किए हैं और करीब 1.20 करोड़ रुपये की रकम फ्रीज कराई है।

कैसे हुई 9 करोड़ की ठगी?

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि पीड़ित, जो एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, को एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट ग्रुप 999’ में जोड़ा गया था। इस ग्रुप में उन्हें शेयर बाजार में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दिया गया।

आरोपियों ने पीड़ित का भरोसा जीतने के लिए उन्हें ‘सीपीई’ नामक एक फर्जी ट्रेडिंग एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा। शुरुआत में, इस ऐप पर छोटे निवेश पर मुनाफा दिखाया गया, जिससे पीड़ित को यकीन हो गया। इसके बाद, उन्होंने जालसाजों के कहने पर धीरे-धीरे बड़ी रकम निवेश करना शुरू कर दिया। जब तक उन्हें ठगी का अहसास हुआ, तब तक वह 9 करोड़ रुपये से अधिक गंवा चुके थे।

पुलिस की जांच और बड़ी कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी सिद्धार्थ चौधरी के निर्देशन में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया। साइबर सेल की टीम ने पीड़ित द्वारा बताए गए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि ठगी की रकम देश भर के 42 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी।

पुलिस टीम ने मनी ट्रेल का पीछा करते हुए तीन मुख्य आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

  • प्रवीण राठौर: इसे उज्जैन, मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया।
  • अभिषेक गिरि: इसे भदोही, उत्तर प्रदेश से पकड़ा गया।
  • कृष्णकांत विश्वकर्मा: इसे मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने बताया कि ये आरोपी फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बैंक खाते खुलवाते थे और ठगी के पैसे को इधर-उधर घुमाते थे ताकि पुलिस उन तक न पहुंच सके।

बड़ी बरामदगी और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का शक

गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 19 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 29 सिम कार्ड, 12 एटीएम कार्ड और 24 विभिन्न बैंकों की पासबुक व चेकबुक जब्त की हैं। इसके अलावा, पुलिस ने गिरोह से जुड़े विभिन्न बैंक खातों में जमा 1 करोड़ 20 लाख रुपये फ्रीज करा दिए हैं।

पुलिस को शक है कि इस गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुबई और कंबोडिया से भी जुड़े हो सकते हैं। एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने कहा कि यह बैतूल जिले में अब तक की सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी है और मामले की जांच अभी जारी है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे ऑनलाइन निवेश योजनाओं और अज्ञात व्हाट्सएप ग्रुप्स में दिए जाने वाले भारी मुनाफे के लालच में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।