मध्य प्रदेश की बैतूल पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 9 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा किया है। इस मामले में पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर से दो नाइजीरियाई नागरिकों सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह देशभर में लोगों को अपना निशाना बनाता था।
यह कार्रवाई बैतूल के एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी की शिकायत पर शुरू हुई थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया था कि उनके साथ 1.73 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद बैतूल की पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच दल का गठन किया।
फेसबुक पर दोस्ती और विदेशी गिफ्ट का झांसा
पुलिस जांच के अनुसार, ठगों ने सबसे पहले एक फर्जी Facebook आईडी के जरिए रिटायर्ड कर्मचारी से संपर्क साधा। एक आरोपी ने खुद को ब्रिटेन की महिला बताया और धीरे-धीरे पीड़ित से दोस्ती बढ़ाई। कुछ समय बाद, महिला ने पीड़ित को बताया कि वह उनके लिए सोने के गहने और विदेशी मुद्रा वाला एक कीमती गिफ्ट पार्सल भेज रही है।
इसी कहानी को आधार बनाकर ठगी का पूरा खेल शुरू हुआ। पीड़ित को कुछ दिनों बाद दिल्ली एयरपोर्ट के कस्टम विभाग से फोन आने का नाटक किया गया। फोन करने वालों ने खुद को कस्टम अधिकारी बताकर कहा कि उनका पार्सल आया है, जिसे छुड़ाने के लिए कस्टम ड्यूटी और अन्य टैक्स भरने होंगे।
58 खातों में जमा कराए 1.73 करोड़ रुपये
आरोपियों ने पीड़ित को भरोसे में लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फर्जी अधिकारी बनकर भी फोन किया। उन्होंने पार्सल में मौजूद विदेशी मुद्रा को भारतीय रुपये में बदलने के लिए कन्वर्जन फीस और अन्य शुल्कों की मांग की। इस तरह झांसे में आकर पीड़ित ने अलग-अलग समय पर 58 विभिन्न बैंक खातों में कुल 1 करोड़ 73 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
“पीड़ित को एक महिला ने फेसबुक पर दोस्ती कर भरोसे में लिया और कीमती गिफ्ट भेजने का झांसा दिया। इसके बाद कस्टम, RBI और अन्य अधिकारी बनकर अलग-अलग चार्ज के नाम पर पैसे वसूले गए। गिरोह ने देशभर में कई लोगों से ठगी की है।” — सिमाला प्रसाद, पुलिस अधीक्षक, बैतूल
राष्ट्रव्यापी जांच और दिल्ली-एनसीआर में गिरफ्तारी
बैतूल की एसपी सिमाला प्रसाद के नेतृत्व में गठित टीम ने इस मामले की जांच शुरू की। यह जांच काफी जटिल थी क्योंकि पैसे 11 राज्यों के 58 अलग-अलग बैंक खातों में भेजे गए थे। पुलिस टीम ने इन सभी खातों के लेनदेन का विश्लेषण किया। इसके अलावा, 500 से अधिक मोबाइल नंबरों की भी जांच की गई।
तकनीकी जांच और पैसों के लेन-देन के आधार पर पुलिस को आरोपियों के दिल्ली और नोएडा में होने का सुराग मिला। इसके बाद टीम ने वहां दबिश देकर तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में दो नाइजीरियाई नागरिक अक्वा जूलियट और ओकाके शामिल हैं, जबकि एक अन्य भारतीय सहयोगी भी पकड़ा गया है।
आरोपियों से बड़ी संख्या में मोबाइल और लैपटॉप बरामद
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 16 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, एक पासपोर्ट और कई अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। जांच में पता चला है कि यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में बैठकर पूरे देश में लोगों को अपना शिकार बना रहा था। पुलिस ने गिरोह से जुड़े बैंक खातों में जमा 19 लाख रुपये भी फ्रीज कर दिए हैं। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके द्वारा की गई अन्य वारदातों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है।