UP News : उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक खेत की खुदाई के दौरान उस वक्त कौतूहल का माहौल बन गया, जब जमीन के नीचे से भगवान राधा-कृष्ण की एक प्राचीन मूर्ति निकली। मूर्ति के साथ संस्कृत में लिखा एक भोजपत्र और पानी से भरा एक घड़ा भी मिला।
इस अद्भुत खोज की खबर फैलते ही मौके पर सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया।
ये पूरा मामला उन्नाव के मिर्जापुर कलां गांव का है। यहां के निवासी शंकर बक्स सिंह अपने खेत में एक रेस्टोरेंट का निर्माण करवा रहे थे। निर्माण कार्य के तहत एक पेड़ की जड़ हटाने के लिए खुदाई चल रही थी।
खुदाई में पहले टूटा घड़ा, फिर मिली मूर्ति
सूत्रो के मुताबिक जब मजदूर फावड़े से खुदाई कर रहा था, तो उसका फावड़ा जमीन में दबी किसी चीज से टकराया। ये एक मिट्टी का घड़ा था, जिसमें पानी भरा हुआ था। फावड़े की चोट से घड़ा टूट गया। इसके बाद मजदूरों ने सावधानी से आसपास की मिट्टी हटाई, तो वहां से राधा-कृष्ण की अष्टधातु की प्राचीन मूर्ति निकली। सूत्रो के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मूर्ति पीतल जैसी दिख रही थी।
मूर्ति के साथ ही एक भोजपत्र भी मिला, जिस पर संस्कृत भाषा में कुछ लिखा हुआ है। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। खुदाई के दौरान मूर्ति के पास एक सांप भी दिखाई दिया, जो फावड़ा लगने से घायल हो गया।
आस्था का सैलाब, पुलिस ने संभाला मोर्चा
राधा-कृष्ण की मूर्ति मिलने की खबर आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई। कुछ ही देर में मौके पर सैकड़ों लोग जमा हो गए। ग्रामीणों ने श्रद्धा भाव से मूर्ति की पूजा-अर्चना शुरू कर दी और चढ़ावा चढ़ाने लगे। देखते ही देखते वहां आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित किया और मूर्ति को अपनी सुरक्षा में ले लिया। अधिकारियों ने तत्काल पुरातत्व विभाग को इस खोज के बारे में जानकारी दी है। विभाग की टीम अब मूर्ति और भोजपत्र की जांच कर उनकी प्राचीनता और ऐतिहासिक महत्व का पता लगाएगी।
बताया जा रहा है कि “मजदूर खुदाई कर रहा था, तभी फावड़ा किसी चीज से टकराया। दोबारा खुदाई करने पर राधा-कृष्ण की यह प्राचीन मूर्ति निकली” — ब्रजेश सिंह, खेत मालिक
फिलहाल, मूर्ति को पुलिस सुरक्षा में रखा गया है। गांव में अभी भी लोगों का आना-जाना लगा हुआ है, जो इस प्राचीन मूर्ति के दर्शन करना चाहते हैं। पुरातत्व विभाग की जांच के बाद ही इस मूर्ति और भोजपत्र से जुड़े ऐतिहासिक रहस्यों से पर्दा उठ सकेगा।