पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की RSS की जमकर तारीफ, बोले-‘यह भारत को मजबूत करने वाली ताकत’

New Delhi: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने RSS को भारत को सशक्त बनाने वाली एक महत्वपूर्ण ताकत बताया और कहा कि संगठन को लेकर कई तरह की गलतफहमियां और झूठे आरोप लगाए गए हैं।

धनखड़, RSS के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य द्वारा लिखित पुस्तक ‘हम और ये विश्व’ के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में कई धर्मगुरु और मीडिया जगत की हस्तियां भी मौजूद थीं।

‘नैरेटिव का चक्रव्यूह तोड़ना जरूरी’

अपने भाषण की शुरुआत में पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां तथ्यों से ज्यादा नैरेटिव (कथा) को महत्व दिया जाता है। उन्होंने कहा, “हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां लोग अपनी सोच से ही सच को तय कर लेते हैं, भले ही आप उसे नकारते रहें।” उन्होंने कहा कि वैद्य की यह पुस्तक RSS से जुड़े ऐसे ही मिथकों को तोड़ने का काम करती है। धनखड़ ने कहा कि यह किताब दिखाती है कि RSS वास्तव में भारत को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है।

भारत की सांस्कृतिक और नैतिक विरासत

जगदीप धनखड़ ने भारत की प्राचीन सभ्यता पर जोर देते हुए कहा कि यह 6000 साल से अधिक पुरानी सभ्यताओं का घर है, जिसमें दुनिया को रास्ता दिखाने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया सुरक्षा, आर्थिक संकट, जलवायु परिवर्तन और सामाजिक विवादों जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है, तब भारत को अपनी गहरी विरासत से सीख लेकर आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने राष्ट्र, धर्म और न्याय की व्याख्या करते हुए कहा कि राष्ट्र का अर्थ सांस्कृतिक एकता है, धर्म का मतलब एक नैतिक व्यवस्था है और न्याय का मतलब सही प्रशासन है। उन्होंने मानव गरिमा को देश की नींव बताया।

लोकतंत्र और RSS की पांच पहलें

जगदीप धनखड़ ने किसी भी समाज के लिए संस्थागत अखंडता को आधारशिला बताया। इस दौरान उन्होंने RSS की पांच प्रमुख पहलों का भी जिक्र किया, जिनमें सामाजिक समरसता, परिवार का विकास (पारिवारिक प्रबोधन), पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता, और नागरिक कर्तव्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये पहलें देश को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य जनता के हाथों में है और देश को आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक रूप से मजबूत बनाने का काम आम लोगों का है। उन्होंने दोहराया कि उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य देश की सेवा करना है।