MP SI भर्ती: ग्वालियर हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में मिलेगी 3 साल की छूट

मध्य प्रदेश में पिछले सात साल से सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती का इंतजार कर रहे हजारों युवाओं को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ग्वालियर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एक अहम अंतरिम आदेश में राज्य सरकार को आगामी एसआई भर्ती परीक्षा में उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का निर्देश दिया है।

यह फैसला उन याचिकाओं पर आया है, जिनमें कहा गया था कि 2017 के बाद से भर्ती नहीं होने के कारण कई उम्मीदवार आयु सीमा पार कर चुके हैं। अदालत ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का भी आदेश दिया है। इस फैसले से प्रदेश के लाखों युवाओं में एक बार फिर उम्मीद जगी है।

अदालत में याचिकाकर्ताओं की दलील

जस्टिस शील नागू और जस्टिस विनय सराफ की युगल पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता उमेश कुमार बोहरे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि मध्य प्रदेश में आखिरी बार एसआई के पदों पर भर्ती वर्ष 2017 में हुई थी। तब से अब तक कोई नई भर्ती विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है।

याचिका में कहा गया कि इस लंबी अवधि, विशेषकर कोरोना महामारी के कारण हुई देरी के चलते, हजारों योग्य उम्मीदवार भर्ती के लिए निर्धारित ऊपरी आयु सीमा को पार कर गए हैं। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने स्वयं अन्य परीक्षाओं, जैसे राज्य लोक सेवा आयोग (PSC) की भर्तियों में, कोविड के कारण उम्मीदवारों को आयु सीमा में तीन साल की छूट दी है। इसी आधार पर एसआई भर्ती में भी समान राहत दी जानी चाहिए।

सरकार को चार हफ्तों में जवाब देने का निर्देश

अदालत ने याचिकाकर्ताओं के तर्कों को प्रथम दृष्टया सही माना। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में स्पष्ट किया कि जब भी एसआई भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा, उसमें ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट का प्रावधान शामिल करना होगा।

हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के गृह विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग और कर्मचारी चयन मंडल के चेयरमैन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश ग्वालियर, भिंड, मुरैना समेत प्रदेश के कई जिलों के उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया गया।

7 साल का इंतजार, लाखों उम्मीदवारों को आस

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर का पद युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है। पिछली बार 2017 में लगभग 611 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी। तब से उम्मीदवार नई भर्ती की राह देख रहे हैं। कई युवा सालों से तैयारी कर रहे हैं, लेकिन भर्ती न आने से वे निराश थे और उनकी उम्र निकलती जा रही थी। हाईकोर्ट के इस आदेश ने उन्हें एक नया अवसर प्रदान किया है। अब वे एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने की उम्मीद कर सकते हैं।