बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से कांग्रेस की आंतरिक राजनीति लगातार सुर्खियों में है। पार्टी में असंतोष और आरोपों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए सात नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
पार्टी प्रवक्ता का आधिकारिक बयान
मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर द्वारा जारी बयान में बताया गया कि इन नेताओं ने बार-बार पार्टी की विचारधारा, निर्णयों और संगठनात्मक अनुशासन की अनदेखी की। लगातार ऐसे बयान दिए गए, जिनसे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा और संगठनात्मक मर्यादाएँ भंग हुईं। इन्हीं कारणों को देखते हुए अनुशासन समिति ने कार्रवाई करते हुए सात नेताओं को छह वर्ष के लिए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।
समिति ने माना—स्पष्टीकरण असंतोषजनक
अनुशासन समिति के अध्यक्ष कपिल देव प्रसाद यादव ने स्पष्ट किया कि समिति को संबंधित नेताओं द्वारा भेजे गए स्पष्टीकरण बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं लगे। आदेश में बताया गया कि जिन मानकों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए, उनमें से तीन नियमों का स्पष्ट रूप से हनन किया गया।
बाहरी मंचों से बयानबाज़ी और आरोपों की बौछार
समिति के अनुसार, इन नेताओं ने पार्टी कार्यक्रमों और फैसलों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और बार-बार बाहर के मंचों से बयान देकर संगठन के निर्णयों पर सवाल उठाए। मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर टिकटों की खरीद-फरोख्त जैसे बेबुनियाद आरोप लगाने से पार्टी की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता दोनों को गंभीर क्षति पहुंची।
पारदर्शिता के बावजूद किया दुष्प्रचार
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि उम्मीदवार चयन से जुड़े सभी निर्णय पारदर्शिता के साथ लिए गए थे। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति से लेकर जनसंपर्क कार्यक्रमों, चुनाव समितियों की बैठकों और अखिल भारतीय चुनाव समिति की समीक्षा के बाद ही उम्मीदवारों की घोषणा हुई। इसके बावजूद नेताओं ने दुष्प्रचार कर संगठन के भीतर भ्रम फैलाने की कोशिश की।
निर्देशों की अवहेलना और लगातार अनुशासनहीनता
आरोप यह भी है कि केंद्रीय पर्यवेक्षक अविनाश पांडेय की सहमति से इन्हें विधान सभा पर्यवेक्षक बनाया गया था, लेकिन इसके बाद भी इन्होंने पार्टी निर्देशों का पालन नहीं किया। समिति ने माना कि यह रवैया अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा था।
किन नेताओं पर गिरी गाज?
छह वर्ष के लिए प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किए गए नेताओं में—
- कांग्रेस सेवादल के पूर्व उपाध्यक्ष आदित्य पासवान
- प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष शकीलुर रहमान
- किसान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार शर्मा
- युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार राजन
- अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष कुंदन गुप्ता
- बांका जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कंचना कुमारी
- नालंदा के नेता रवि गोल्डेन