Aadhaar ऐप में आया ‘सेलेक्टिव शेयर’ फीचर, अब पूरी Aadhaar डिटेल दिए बिना होगा वेरिफिकेशन

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार यूजर्स की प्राइवेसी को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब mAadhaar ऐप में ‘सेलेक्टिव शेयर’ नाम का một नया फीचर जोड़ा गया है। इस फीचर की मदद से यूजर्स यह तय कर सकेंगे कि वेरिफिकेशन के दौरान उन्हें अपनी कौन-सी जानकारी साझा करनी है और कौन-सी नहीं।

यह कदम आधार डेटा के दुरुपयोग से जुड़ी चिंताओं को दूर करने में मदद करेगा। अक्सर होटल, सिम कार्ड या अन्य जगहों पर पहचान साबित करने के लिए पूरे आधार कार्ड की कॉपी देनी पड़ती है, जिससे जन्मतिथि और आधार नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी भी सामने आ जाती है। नया फीचर इसी समस्या का समाधान करता है।

क्या है ‘सेलेक्टिव शेयर’ फीचर?

सेलेक्टिव शेयर, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यूजर्स को अपनी आधार डिटेल्स में से चुनिंदा जानकारी साझा करने की सुविधा देता है। जब आप इस फीचर का इस्तेमाल करते हैं, तो ऐप एक कस्टम QR कोड और एक पासवर्ड से सुरक्षित e-KYC फाइल बनाता है, जिसमें सिर्फ वही जानकारी होती है जिसे आपने शेयर करने के लिए चुना है।

उदाहरण के लिए, अगर किसी वेरिफिकेशन के लिए सिर्फ आपके नाम और पते की जरूरत है, तो आप जन्मतिथि, लिंग और आधार नंबर को छिपा सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित ہوتا है कि सामने वाली संस्था को सिर्फ उतनी ही जानकारी मिले जितनी जरूरी है।

कैसे इस्तेमाल करें यह नया फीचर?

mAadhaar ऐप में इस फीचर का उपयोग करना काफी आसान है। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके आप अपनी पसंद की जानकारी साझा कर सकते हैं:

1. ऐप अपडेट करें: सबसे पहले Google Play Store या Apple App Store से अपने mAadhaar ऐप को लेटेस्ट वर्जन में अपडेट करें या डाउनलोड करें।

2. ऐप ओपन करें: ऐप खोलें और अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और OTP के जरिए लॉग इन करें।

3. e-KYC सेक्शन में जाएं: ऐप के होमपेज पर आपको ‘Share Paperless Offline e-KYC’ का विकल्प दिखेगा, इस पर टैप करें।

4. सिक्योरिटी कोड डालें: अगले स्टेप में आपको अपना 4 अंकों का सिक्योरिटी कोड दर्ज करने के लिए कहा जाएगा।

5. ‘सेलेक्टिव शेयर’ चुनें: सिक्योरिटी कोड डालने के बाद, आपको ‘सेलेक्टिव शेयर’ का एक नया विकल्प दिखाई देगा। इस पर क्लिक करें।

6. जानकारी चुनें: अब आपकी स्क्रीन पर आधार से जुड़ी सभी जानकारियों (जैसे नाम, पता, फोटो, जन्मतिथि, लिंग, मोबाइल, ईमेल) की लिस्ट दिखाई देगी। आप जिन डिटेल्स को साझा करना चाहते हैं, उनके सामने बने चेकबॉक्स पर टिक करें। ध्यान दें कि सुरक्षा के लिहाज से आधार नंबर डिफॉल्ट रूप से साझा नहीं किया जाता है।

7. शेयर कोड बनाएं: जानकारी चुनने के बाद, आपको e-KYC फाइल के लिए 4 अंकों का एक ‘शेयर कोड’ (पासवर्ड) बनाना होगा।

8. e-KYC जेनरेट और शेयर करें: शेयर कोड बनाने के बाद ‘Generate e-KYC’ पर क्लिक करें। अब आप इस पासवर्ड-सुरक्षित XML फाइल और QR कोड को किसी भी प्लेटफॉर्म जैसे WhatsApp या ईमेल के जरिए वेरिफिकेशन करने वाली एजेंसी के साथ साझा कर सकते हैं। एजेंसी इस फाइल को खोलने के लिए आपके द्वारा बनाए गए शेयर कोड का इस्तेमाल करेगी।

इस फीचर के क्या हैं फायदे?

यह फीचर यूजर्स को उनके डेटा पर पहले سے कहीं ज्यादा नियंत्रण देता है। इसके मुख्य फायदे इस प्रकार हैं:

  • बेहतर प्राइवेसी: आप गैर-जरूरी व्यक्तिगत जानकारी जैसे जन्मतिथि या आधार नंबर साझा करने से बच सकते हैं।
  • डेटा का गलत इस्तेमाल रुकेगा: सीमित जानकारी साझा होने से डेटा लीक या धोखाधड़ी का खतरा काफी कम हो जाता है।
  • नियंत्रण आपके हाथ में: यूजर खुद तय करता है कि उसकी कौन-सी जानकारी किसके साथ साझा की जाएगी।
  • आसान वेरिफिकेशन: यह वेरिफिकेशन प्रक्रिया को सुरक्षित बनाते हुए उसे आसान भी बनाता है।

कुल मिलाकर, UIDAI का यह कदम डिजिटल इंडिया में नागरिकों की गोपनीयता को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सभी आधार यूजर्स को इस फीचर के बारे में जानना चाहिए और इसका इस्तेमाल करना चाहिए।