Ayodhya UP: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 673 दिन बीतने के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में पूर्ण हो गया है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर के 161 फीट ऊंचे मुख्य शिखर पर विधि-विधान से ‘धर्मध्वजा’ स्थापित की।
बुधवार सुबह लगभग 11:50 बजे अभिजीत मुहूर्त में यह ऐतिहासिक ध्वजारोहण संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने एक बटन दबाकर 2 किलोग्राम वजनी केसरिया ध्वजा को शिखर पर फहराया, जो इस बात का प्रतीक है कि मंदिर अब पूरी तरह से बनकर तैयार है।
शिखर पर लहराई 2 किलो की केसरिया ध्वजा
मंदिर के मुख्य शिखर पर स्थापित की गई यह ध्वजा विशेष महत्व रखती है। इसका रंग केसरिया है और वजन लगभग 2 किलोग्राम है। इसे 161 फीट की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है, जहां से यह पूरे अयोध्या क्षेत्र में दिखाई देगी। इस ध्वजारोहण कार्यक्रम के साथ ही मंदिर के निर्माण का एक प्रमुख अध्याय समाप्त हो गया।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला बड़ा आयोजन
यह आयोजन 22 जनवरी 2024 को हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर परिसर में हुआ सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। प्राण प्रतिष्ठा के 673 दिनों के बाद हुए इस ध्वजारोहण ने मंदिर निर्माण के लंबे सफर को एक तार्किक परिणति दी है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों से भी मुलाकात की और उनके योगदान की सराहना की।
पीएम ने पहली बार की राम दरबार की पूजा
ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर के गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना की। यह पहला मौका था जब उन्होंने ‘राम दरबार’ की पूजा की। इस दौरान पीएम अपने साथ रामलला के लिए नए वस्त्र और चंवर भी लेकर पहुंचे थे। उन्होंने पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा संपन्न की, जिसमें RSS प्रमुख मोहन भागवत भी उनके साथ मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के बाद मंदिर को आधिकारिक तौर पर संपूर्ण माना जा रहा है।