250 वन अधिकारियों की पदावनति टली, मोहन यादव सरकार शिवराज कैबिनेट के ‘सुपरन्यूमरेरी पद’ फैसले को करेगी लागू

मध्य प्रदेश में भारतीय वन सेवा (IFS) और राज्य वन सेवा (SFS) के लगभग 250 वरिष्ठ अधिकारियों को पदावनति के संकट से बड़ी राहत मिली है। राज्य की नई मोहन यादव सरकार, पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट के उस फैसले को लागू करने जा रही है, जिसके तहत इन अधिकारियों के लिए ‘सुपरन्यूमरेरी पद’ (पदनाम सहित छाया पद) बनाए जाएंगे। इस निर्णय से अधिकारियों में व्याप्त अनिश्चितता का माहौल खत्म हो गया है।

यह कदम सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद उठाया गया है, जिसमें राज्य सरकार को वन विभाग की वरिष्ठता सूची को संशोधित करने का निर्देश दिया गया था। यदि इस आदेश का सीधे तौर पर पालन किया जाता, तो कई वरिष्ठ अधिकारियों को उनके मौजूदा पदों से निचले पदों पर पदावनत करना पड़ता, जिससे विभाग में एक बड़ा प्रशासनिक संकट खड़ा हो सकता था।

क्या था वरिष्ठता विवाद का पूरा मामला?

यह विवाद राज्य वन सेवा में सीधी भर्ती और रेंजर से पदोन्नत हुए अधिकारियों के बीच वरिष्ठता को लेकर था। मामला लंबे समय तक अदालत में चला, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 12 मई 2022 को राज्य सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया। कोर्ट ने सरकार को 2002 से 2016 के बीच हुई पदोन्नतियों की समीक्षा कर एक नई वरिष्ठता सूची तैयार करने का आदेश दिया था।

इस आदेश के अनुपालन में जब नई सूची तैयार की गई, तो यह पाया गया कि लगभग 250 अधिकारी, जिन्हें पिछले कुछ वर्षों में पदोन्नति मिली थी, वे वरिष्ठता क्रम में नीचे आ गए थे। इनमें भारतीय वन सेवा में पदोन्नत हुए अधिकारी भी शामिल थे, जो वर्तमान में मुख्य वन संरक्षक (CCF) और वन संरक्षक (CF) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं।

पदावनति से खड़ा होता बड़ा संकट

अगर सरकार इस सूची को सीधे लागू करती तो कई अधिकारियों को बड़े पैमाने पर पदावनति का सामना करना पड़ता। कुछ IFS अधिकारियों को वापस राज्य वन सेवा में लौटना पड़ता, जबकि राज्य सेवा के कई अधिकारी सहायक वन संरक्षक (ACF) से रेंजर के पद पर आ जाते। इससे न केवल अधिकारियों का मनोबल टूटता, बल्कि उनके वेतन और पेंशन पर भी गंभीर असर पड़ता। साथ ही, विभाग का पूरा प्रशासनिक ढांचा प्रभावित हो सकता था।

कैसे ‘सुपरन्यूमरेरी पद’ से मिली राहत?

इस संकट से बचने के लिए, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 1 दिसंबर 2023 को हुई कैबिनेट की अंतिम बैठक में एक रास्ता निकाला गया। कैबिनेट ने ‘सुपरन्यूमरेरी पद’ बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

इसके तहत, जो भी अधिकारी पदावनति की सीमा में आ रहे हैं, उनके लिए उनके वर्तमान पद और वेतनमान के बराबर एक अस्थायी पद बनाया जाएगा। अधिकारी इस पद पर अपनी सेवानिवृत्ति तक बने रहेंगे। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद स्वतः समाप्त हो जाएगा। इस व्यवस्था से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान भी हो गया और अधिकारियों को पदावनति का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

अब प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद इस फैसले के क्रियान्वयन का रास्ता साफ हो गया है। वन विभाग जल्द ही इन पदों के सृजन की प्रक्रिया शुरू करेगा, जिससे प्रभावित अधिकारियों को औपचारिक रूप से राहत मिल जाएगी।