इंदौर के पालदा क्षेत्र में जिला प्रशासन ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक बिना खाद्य लाइसेंस संचालित मसाला निर्माण इकाई को तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया। यह कदम हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा मिलावट और अवैध खाद्य कारोबार के विरुद्ध दिए गए कड़े निर्देशों के पालन में उठाया गया है।
फैक्ट्री में औचक निरीक्षण, बिना लाइसेंस मसाला उत्पादन पकड़ा गया
कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन टीम ने उद्योग नगर, पालदा स्थित सहज इंटरप्राइजेज का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय प्रतिष्ठान प्रभारी युवराज राजानी मौके पर मौजूद थे। टीम ने पाया कि प्रतिष्ठान बिना किसी प्रकार के खाद्य लाइसेंस के मसाला उत्पादन कर रहा था।
इकाई के भीतर स्वच्छता की स्थिति अत्यंत खराब थी। निर्माण क्षेत्र में गंदगी, बिखरे हुए पैकिंग सामग्री और अव्यवस्थित भंडारण की स्थिति दर्ज की गई।
मसालों और खाद्य उत्पादों के नमूने जांच हेतु लिए गए
टीम ने फैक्ट्री से कई मसाला उत्पादों के नमूने एकत्र किए, जिनमें शामिल हैं—
- प्योर इंदौरी रेड चिली पाउडर
- प्योर इंदौरी कोरिएंडर पाउडर
- प्योर इंदौरी टर्मरिक पाउडर
- प्योर इंदौरी हींग युक्त जीरावन
- राम बंधु मैंगो पिकल
ये सभी नमूने जांच के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला, भोपाल भेजे जा रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद वैधानिक कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।
बिना लाइसेंस कारोबार पर तुरंत रोक, मामला जाएगा न्यायालय
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत, बिना अनुज्ञप्ति खाद्य कारोबार करना दंडनीय अपराध है। इसलिए प्रशासन ने मौके पर ही फैक्ट्री में जारी उत्पाद विक्रय को रोक दिया। नमूना रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद संबंधित संचालक के विरुद्ध मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा कि आम नागरिकों को सुरक्षित और शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना प्रशासन का सबसे महत्वपूर्ण दायित्व है। उन्होंने स्पष्ट किया कि खाद्य मानकों का उल्लंघन करने वाले किसी भी प्रतिष्ठान को बख्शा नहीं जाएगा।