इंदौर के केयर CHL हॉस्पिटल में ‘गोल्डन ऑवर’ में मिला इलाज, ब्रेन स्ट्रोक के मरीज को मिला नया जीवन

Indore News : इंदौर में स्ट्रोक के एक गंभीर मामले में समय पर मिला उपचार मरीज की जान बचाने में निर्णायक साबित हुआ। केयर सीएचएल हॉस्पिटल, इंदौर में भर्ती कराई गई मरीज अचानक घर पर बेहोश होकर गिर पड़ी। गिरते ही उनकी आवाज चली गई और शरीर ने प्रतिक्रिया देना लगभग रोक दी। स्थिति को गंभीर समझते हुए परिजन बिना देर किए उन्हें केयर सीएचएल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।

इमरजेंसी में मौजूद वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. आशीष बागड़ी और उनकी टीम ने समय की नाजुकता को देखते हुए गोल्डन ऑवर के भीतर उपचार शुरू किया। एमआरआई और अन्य जांचों में पता चला कि मरीज के मस्तिष्क की एक प्रमुख नस में खून का थक्का जम गया था, जिसकी वजह से तीव्र इस्केमिक स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न हुई।

तुरंत थ्रोम्बोलिसिस प्रक्रिया की गई और खून पतला करने वाली दवाएं दी गईं। समय पर दिए गए इलाज का असर अगले ही दिन देखने लगा। मरीज की आवाज लौटने लगी, शरीर में हलचल होने लगी और उनकी स्थिति लगातार बेहतर होती गई। केवल आठ दिनों के भीतर मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दी गईं।

स्ट्रोक के मामलों पर जानकारी देते हुए डॉ. आशीष बागड़ी ने कहा कि, “दुनियाभर के स्वास्थ्य संस्थान लगातार इस बात पर जोर देते हैं कि स्ट्रोक के दौरान हर मिनट अत्यंत कीमती होता है। यह उन दुर्लभ परिस्थितियों में से एक है जिसमें इलाज में हुई थोड़ी भी देरी मरीज के जीवन और भविष्य दोनों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। चेहरे का टेढ़ा होना, बोलने में परेशानी और हाथ पैर में कमजोरी जैसे शुरुआती लक्षणों को तुरंत पहचानकर मरीज को बिना समय गंवाए हॉस्पिटल लाना ही सुरक्षित और प्रभावी कदम है।”

उन्होंने बताया कि इससे पहले भी केयर सीएचएल हॉस्पिटल में 83 वर्षीय एक मरीज का इसी तरह के स्ट्रोक में सफलतापूर्वक उपचार किया जा चुका है। उस मामले में भी मरीज समय रहते हॉस्पिटल पहुंचा था और तत्काल थ्रोम्बोलिसिस देकर उसकी स्थिति स्थिर की गई थी।

वर्तमान मामला और पूर्व में किया गया उपचार यह दर्शाते हैं कि गोल्डन ऑवर में दिया गया इलाज मरीज के परिणामों को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि स्ट्रोक दुनिया में मृत्यु और स्थायी विकलांगता के सबसे प्रमुख कारणों में से एक है।

वैश्विक स्वास्थ्य रिपोर्टों के अनुसार हर वर्ष लाखों लोग स्ट्रोक की चपेट में आते हैं और बड़ी संख्या में लोग हमेशा के लिए प्रभावित हो जाते हैं। ऐसे में सही समय पर उठाए गए कदम जैसे लक्षणों की पहचान, तुरंत हॉस्पिटल पहुंचना और विशेषज्ञों द्वारा त्वरित इलाज मरीज की रिकवरी, जीवन की गुणवत्ता और भविष्य की जटिलताओं को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।

केयर सीएचएल हॉस्पिटल के सीओओ मनीष गुप्ता ने इस सफल उपचार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “केयर सीएचएल हॉस्पिटल में स्ट्रोक जैसी आपात स्थितियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं, प्रशिक्षित विशेषज्ञ और सुसंगठित टीम लगातार 24 घंटे उपलब्ध रहती है।

प्रबंधन के अनुसार, हॉस्पिटल की स्ट्रोक रेस्पॉन्स प्रोटोकॉल टीम हर सेकंड को कीमती मानते हुए तेजी से कार्रवाई करती है, ताकि मरीज को न्यूनतम समय में सही उपचार मिल सके। हॉस्पिटल का लक्ष्य न केवल उपचार प्रदान करना है, बल्कि लोगों में जागरूकता बढ़ाना भी है, ताकि स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर अधिक से अधिक मरीज समय पर हॉस्पिटल पहुंच सकें।”