दक्षिण अफ्रीका से 0-2 की करारी हार के बाद गौतम गंभीर का बड़ा बयान: बोले – ‘मेरा भविष्य BCCI तय करेगा’

New Delhi : दक्षिण अफ्रीका के हाथों घरेलू टेस्ट सीरीज में 0-2 से व्हाइटवॉश झेलने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर दबाव में हैं। गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट में 408 रनों की शर्मनाक हार के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर अपने भविष्य को लेकर किए गए सवालों पर भड़क गए। उन्होंने साफ कहा कि उन्हें पद पर बनाए रखना है या हटाना है, यह फैसला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) करेगा।

गौरतलब है कि ये हार गंभीर के कोचिंग कार्यकाल पर एक और बड़ा धब्बा है, क्योंकि वह भारत के पहले ऐसे कोच बन गए हैं जिनके मार्गदर्शन में टीम को घर पर लगातार दो टेस्ट सीरीज में व्हाइटवॉश का सामना करना पड़ा है। इससे पहले न्यूजीलैंड ने भारत को 3-0 से हराया था।

‘मेरा नहीं, भारतीय क्रिकेट महत्वपूर्ण है’

मीडिया से बातचीत के दौरान जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या वह अब भी टीम के लिए सही विकल्प हैं, तो गंभीर ने तीखे तेवर दिखाते हुए जवाब दिया। उन्होंने कहा, “यह फैसला बीसीसीआई को करना है। जब मैंने यह पद संभाला था, तब भी कहा था कि भारतीय क्रिकेट महत्वपूर्ण है, मैं नहीं। मैं आज भी अपनी उसी बात पर कायम हूं।”

गंभीर के कार्यकाल में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक रहा है। टीम ने पिछले 18 टेस्ट मैचों में से 10 गंवाए हैं, जिनमें पिछले 7 घरेलू टेस्ट में से 5 हार शामिल हैं।

आलोचकों को दिया जवाब, याद दिलाई उपलब्धियां

गंभीर ने मीडिया पर सिर्फ हार पर ध्यान केंद्रित करने और उनकी कोचिंग में मिली सफलताओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि लोग बहुत जल्दी भूल जाते हैं।

“आप सब जल्दी भूल जाते हैं। न्यूजीलैंड का जिक्र कर लेते हैं, लेकिन यह भी मत भूलिए कि मेरे ही कोचिंग में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीता था। मैंने ही इंग्लैंड में एक युवा टीम के साथ नतीजे दिए थे।” — गौतम गंभीर

उन्होंने टीम का बचाव करते हुए कहा, “यह टीम नई है, अनुभव कम है। मैंने पहले भी कहा था कि इन्हें सीखने में समय लगेगा, लेकिन वे पूरा प्रयास कर रहे हैं।”

‘बहाने नहीं बना रहा, लेकिन यह एक ट्रांजिशन है’

सीरीज हार की जिम्मेदारी लेते हुए गंभीर ने कहा कि वह बहाने बनाने नहीं आए हैं, लेकिन टीम एक बदलाव के दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा, “मुझे ‘ट्रांजिशन’ शब्द से नफरत है, लेकिन असल में यही हो रहा है। युवा खिलाड़ी सीख रहे हैं और आपको उन्हें समय देना होगा। हार की जिम्मेदारी सबकी है और सबसे पहले मेरी है।”

गुवाहाटी टेस्ट में 95/1 से 122/7 के स्कोर पर सिमटने को उन्होंने एक सामूहिक विफलता बताया और कहा कि किसी एक खिलाड़ी को दोष नहीं दिया जा सकता। गंभीर ने अपनी चयन नीति का भी बचाव किया, जिसमें वह प्रतिभाशाली खिलाड़ियों से ज्यादा जुझारू खिलाड़ियों को तरजीह देते हैं। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट के लिए मजबूत इरादों वाले खिलाड़ी चाहिए।