देश में आधार डेटा की सुरक्षा और पारदर्शिता को मजबूत बनाने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में UIDAI ने 2 करोड़ से अधिक आधार नंबरों को निष्क्रिय कर दिया है। ये सभी आधार नंबर उन व्यक्तियों से जुड़े थे जिनका निधन हो चुका है। यह कदम UIDAI के व्यापक ‘सफाई अभियान’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय डेटाबेस को सटीक, सुरक्षित और अद्यतन रखना है।
यह कदम क्यों था ज़रूरी?
UIDAI के अनुसार, मृत व्यक्तियों के आधार कार्ड सक्रिय रहने पर उनके दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है। कोई भी धोखेबाज इन आधार नंबरों का इस्तेमाल कर सरकारी योजनाओं का फायदा उठा सकता है या अन्य अवैध गतिविधियों को अंजाम दे सकता है। इसलिए पहचान चोरी, फर्जी लाभ उठाने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए इन आधार नंबरों को निष्क्रिय करना जरूरी हो गया था।
सबसे अहम बात—UIDAI ने स्पष्ट किया है कि एक बार किसी मृत व्यक्ति का आधार नंबर निष्क्रिय होने के बाद, उसे किसी अन्य व्यक्ति को कभी भी दोबारा आवंटित नहीं किया जाएगा।
कई सरकारी संस्थाओं के सहयोग से चल रहा अभियान
इस सफाई अभियान को प्रभावी बनाने के लिए UIDAI ने कई सरकारी संस्थाओं से डेटा प्राप्त किया है। इसमें भारत के महापंजीयक (Registrar General of India – RGI), विभिन्न राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) जैसे स्रोत शामिल हैं।
UIDAI आगे बैंकिंग और वित्तीय संस्थाओं के साथ भी डेटा साझा करने की तैयारी कर रहा है ताकि मृत व्यक्तियों की पहचान से जुड़े रिकॉर्ड को और भी बेहतर तरीके से सत्यापित किया जा सके।
myAadhaar पोर्टल पर मिली महत्वपूर्ण सुविधा
UIDAI ने इस प्रक्रिया को नागरिकों के लिए भी आसान बना दिया है। ‘myAadhaar’ पोर्टल पर हाल ही में ‘परिवार के सदस्य की मृत्यु की रिपोर्टिंग’ नाम की नई सुविधा जोड़ी गई है।
यह सेवा वर्तमान में 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है, जहां सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) लागू है। बाकी राज्यों को भी जल्द ही इस सिस्टम से जोड़ने का काम जारी है।
परिजन खुद कर सकते हैं मृत व्यक्ति का आधार डीएक्टिवेशन
यदि परिवार में किसी सदस्य का निधन हो जाता है, तो परिजन स्वयं उसकी सूचना UIDAI को दे सकते हैं। इसके लिए परिवार के सदस्य को अपनी पहचान प्रमाणित करनी होगी। इसके बाद उन्हें मृत व्यक्ति का आधार नंबर, मृत्यु पंजीकरण संख्या और अन्य आवश्यक विवरण पोर्टल पर दर्ज करने होंगे।
जानकारी के सत्यापन के बाद UIDAI आधार नंबर को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया पूरी करता है।
UIDAI ने सभी नागरिकों से अपील की है कि मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त होते ही वे myAadhaar पोर्टल पर जानकारी अपडेट करें। इससे डेटाबेस सही बना रहेगा और भविष्य में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना समाप्त होगी।