IAS संतोष वर्मा के बयान पर बवाल: ब्राह्मण समाज का देशव्यापी विरोध, GAD ने थमाया कारण बताओ नोटिस

मध्य प्रदेश के IAS अधिकारी संतोष वर्मा के एक विवादास्पद बयान को लेकर ब्राह्मण समुदाय का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। इस विरोध के बीच, राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने सख्त रुख अपनाते हुए IAS वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

जीएडी ने नोटिस में पूछा है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। विभाग का कहना है कि उनके बयान ‘सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और समाज में नफरत फैलाने’ के समान हैं।

7 दिनों में जवाब देने का निर्देश

सरकार ने IAS संतोष वर्मा को इस नोटिस का जवाब देने के लिए सात दिनों का समय दिया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि वह निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ आवश्यक डिपार्टमेंटल एक्शन (विभागीय कार्रवाई) लिया जाएगा।

क्या था विवादित बयान?

IAS वर्मा, जो हाल ही में मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के नए अध्यक्ष बने हैं, उन्होंने यह बयान 23 नवंबर को भोपाल में एक सार्वजनिक सभा में दिया था।

उन्होंने कहा था: “जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान नहीं कर देता, या (उसका) उससे रिश्ता नहीं हो जाता, तब तक रिजर्वेशन जारी रहना चाहिए।”

प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन और पुतले दहन

इस बयान के बाद, नर्मदापुरम, ग्वालियर, बुरहानपुर, इटारसी, पिपरिया, रायसेन समेत मध्य प्रदेश के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह IAS वर्मा के पुतले जलाए। उनकी मुख्य मांग है कि अधिकारी को नौकरी से निकाला जाए और उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए।

ग्वालियर में, वरिष्ठ वकील अनिल मिश्रा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में वकील और ब्राह्मण समाज के सदस्य पुलिस सुपरिटेंडेंट (SP) कार्यालय पहुंचे और वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। SP धर्मवीर सिंह ने मामले की जांच और उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। मिश्रा ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिन के भीतर FIR दर्ज नहीं की गई, तो वे एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।

मंगलवार को राजगढ़ जिले में भी अधिकारी का पुतला जलाया गया, जबकि ऑल इंडिया ब्राह्मण समाज के सदस्यों ने भोपाल के MP नगर पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन किया। यह मामला अब राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर तूल पकड़ता जा रहा है।