छिंदवाड़ा में बड़ा भ्रष्टाचार: सामुदायिक भवन के लिए मिले ₹16 लाख, खड़े किए सिर्फ 15 पिलर

Chhindwara : मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में सरकारी धन के दुरुपयोग का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। यहां जुन्नारदेव की विशाला पंचायत में सामुदायिक भवन बनाने के लिए स्वीकृत राशि में से ₹16 लाख निकाल लिए गए, लेकिन मौके पर भवन का कोई नामोनिशान नहीं है।

इसकी जगह केवल 15 पिलरों का एक ढांचा खड़ा मिला है। शिकायत के बाद कलेक्टर ने इस मामले में सरपंच, सचिव समेत कई अधिकारियों को राशि वसूली का नोटिस जारी किया है।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला जुन्नारदेव मुख्यालय से सटी विशाला पंचायत का है। यहां 29 मार्च, 2023 को विधायक निधि से एक सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए 24 लाख 98 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद ग्राम पंचायत को तीन अलग-अलग किस्तों में राशि जारी की गई। अब तक कुल 16 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका था।

जब मौके पर जाकर देखा गया तो वहां कोई सामुदायिक भवन नहीं बना था। सरकारी पैसे से सिर्फ 15 पिलरों वाला एक अधूरा स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया गया था। इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत की।

सामुदायिक भवन की जगह शिव प्रतिमा का स्ट्रक्चर

स्थानीय निवासियों अश्वनी गोदवानी और विवेक चंद्रवंशी ने बताया कि जिस जगह सामुदायिक भवन बनना था, वह एक धार्मिक पर्यटन स्थल है। उन्होंने खुलासा किया कि जो ढांचा खड़ा किया गया है, वह असल में भगवान शिव की 51 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने के लिए है। इस प्रतिमा के निर्माण के लिए अलग से चंदा इकट्ठा किया गया है।

“यहां सामुदायिक भवन बनना था, लेकिन जो स्ट्रक्चर खड़ा है, उस पर भगवान शिव की 51 फिट की प्रतिमा स्थापित होगी और इसके लिए चंदा भी हुआ है। इसका मतलब सामुदायिक भवन की राशि फर्जी तरीके से निकाल ली गई है।” — स्थानीय निवासी

इस खुलासे से यह साफ हो गया कि सामुदायिक भवन के लिए जारी सरकारी राशि का इस्तेमाल नहीं हुआ और संभवतः फर्जी बिल लगाकर पैसे निकाल लिए गए।

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश, रिकवरी नोटिस जारी

शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर हरेंद्र नारायण ने मामले को गंभीरता से लिया और जुन्नारदेव के एसडीएम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। एसडीएम की जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई की।

कलेक्टर ने ग्राम पंचायत जुन्नारदेव विशाला के सरपंच, सचिव, संबंधित इंजीनियर, सब-इंजीनियर, तत्कालीन सहायक यंत्री (AE), जनपद पंचायत के सीईओ और जिला योजना अधिकारी को गबन की गई राशि की वसूली के लिए नोटिस जारी किया है। इन सभी से सरकारी पैसे की रिकवरी की जाएगी।