इंदौर: शहर की साइबर पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन निवेश घोटाले का पर्दाफाश करते हुए दो राज्यों से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह मामला इंदौर के एक निवासी से 1 करोड़ 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा है। पुलिस के अनुसार, इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सरगना लाओस से अपना नेटवर्क चला रहे हैं।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) राजेश दंडोतिया ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान गुजरात के अहमदाबाद निवासी जयेश गिरीश कुमार पंड्या और पंजाब के फिरोजपुर निवासी हरपाल सिंह के रूप में हुई है। इन्हें ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया गया है और गिरोह के बारे में विस्तृत पूछताछ जारी है।
शेयर बाजार में मुनाफे का लालच देकर फंसाया
पुलिस के मुताबिक, पीड़ित को “स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट” नामक एक WhatsApp ग्रुप में जोड़ा गया था। इस ग्रुप में शेयर बाजार में निवेश कर भारी मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता था। जालसाजों ने पीड़ित को विश्वास में लेकर “यूएसए स्टॉक” (USA Stock) नामक एक फर्जी मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करवाया।
शुरुआत में ऐप में पीड़ित को छोटे निवेश पर बड़ा मुनाफा दिखाया गया, जिससे उसका भरोसा बढ़ गया। इस झांसे में आकर पीड़ित ने अलग-अलग किस्तों में कुल 1 करोड़ 60 लाख रुपये निवेश कर दिए। जब पीड़ित ने अपने कमाए हुए पैसे निकालने की कोशिश की, तो जालसाजों ने टैक्स और अन्य शुल्क के नाम पर और पैसे की मांग शुरू कर दी। इसके बाद पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ और उसने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
लाओस से चल रहा था ठगी का नेटवर्क
शिकायत मिलने के बाद साइबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पैसों के लेनदेन के रास्ते (मनी ट्रेल) को खंगाला। जांच में पता चला कि ठगी की रकम देश के विभिन्न राज्यों में स्थित कई बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। इन बैंक खातों के विश्लेषण के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि इस गिरोह के मुख्य सरगना लाओस में बैठकर भारत में लोगों को निशाना बना रहे हैं। वे भारत में कमीशन का लालच देकर लोगों से बैंक खाते खुलवाते हैं और फिर उन खातों का इस्तेमाल ठगी के पैसे को इधर-उधर करने (मनी लॉन्ड्रिंग) के लिए करते हैं। गिरफ्तार आरोपी जयेश और हरपाल भी इसी नेटवर्क का हिस्सा थे और कमीशन के लिए अपने बैंक खातों का इस्तेमाल करने दे रहे थे।
आरोपियों से महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड, बैंक पासबुक, चेकबुक और डेबिट कार्ड जब्त किए हैं। पुलिस को उम्मीद है कि आरोपियों से पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों और सरगनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। फिलहाल पुलिस जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और बैंक खातों की विस्तृत जांच कर रही है ताकि ठगी गई पूरी रकम का पता लगाया जा सके।