इंदौर सराफा चौपाटी विवाद: महापौर भार्गव ने चाइनीज फूड पर लगाया बैन

Indore News : इंदौर शहर की प्रतिष्ठित सराफा चौपाटी के स्वरूप को लेकर चल रहे विवाद में शुक्रवार को नया मोड़ आया। नगर निगम की कार्रवाई से नाराज दुकानदारों ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मुलाकात की।

इस बैठक में महापौर ने अपना रुख साफ कर दिया कि सराफा चौपाटी की पारंपरिक पहचान बनाए रखने के लिए वहां अब मोमोज और चाइनीज फूड की दुकानें नहीं लगने दी जाएंगी।

महापौर ने कहा कि जिन लोगों की दुकानें हटा दी गई हैं, उनके लिए दूसरी जगह तलाशी जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सराफा में केवल पारंपरिक व्यंजनों की दुकानों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। यह फैसला सराफा के पुराने वैभव को लौटाने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।

परंपरा और सुरक्षा पहली प्राथमिकता

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि सराफा चौपाटी की गरिमा और पारंपरिक पहचान को बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सोना-चांदी व्यापारी एसोसिएशन ने भी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी, जिसके बाद निगम ने यह कदम उठाया है।

“सराफा में सुरक्षा बेहद जरूरी है। पुरानी चौपाटी का पारंपरिक वैभव और गरिमा बनी रहे, निगम उसी दिशा में काम कर रहा है। अब सराफा में अव्यवस्थित दुकानें नहीं लगने दी जाएंगी।” — पुष्यमित्र भार्गव, महापौर, इंदौर

महापौर ने साफ कहा कि जो दुकानदार चाइनीज फूड बेच रहे हैं, उन्हें पारंपरिक भारतीय व्यंजन बेचने का विकल्प अपनाना होगा, अन्यथा उनकी दुकानें पूरी तरह हटा दी जाएंगी।

सूची में गड़बड़ी के आरोप, जांच का आश्वासन

कार्रवाई का सामना कर रहे व्यापारियों ने महापौर के सामने निगम की सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि सूची में कई अपात्र लोगों के नाम हैं और कुछ लोगों को एक से अधिक दुकानें आवंटित की गई हैं, जबकि कई पुराने और पात्र दुकानदार सूची से बाहर हैं।

इस पर महापौर भार्गव ने दुकानदारों को आश्वासन दिया कि पूरी सूची की दोबारा जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर जांच में किसी के पास एक से अधिक दुकान पाई जाती है, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।”

रातभर धरने पर बैठे रहे दुकानदार

इससे पहले, नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ दुकानदारों ने गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात जमकर हंगामा किया। जिन दुकानदारों का नाम सूची में नहीं था, उन्हें चौपाटी में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस बात से नाराज होकर दुकानदार पहले सराफा थाने पहुंचे और फिर देर रात महापौर के बंगले का घेराव करने गए। महापौर से मुलाकात न होने पर वे कृष्णपुरा छत्री पर लौट आए और अलाव जलाकर पूरी रात धरने पर बैठे रहे। तनाव को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था।