श्रीलंका में तूफानी तबाही! मौतों का आंकड़ा बढ़ा, भारत ने भेजी मदद

चक्रवात ‘दित्वा’ ने श्रीलंका में भयावह तबाही मचा दी है। इस प्रचंड तूफान ने अब तक 50 से ज्यादा लोगों की जान ले ली, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। करीब 44,000 से अधिक लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं और अनेक जिलों में पानी भरने से हालात बेहद खराब हो गए हैं। तूफान की रफ्तार बढ़ने के साथ इसका असर अब भारत के तटीय क्षेत्रों तक पहुंचने की आशंका है।

भारत ने दिखाई संवेदनशीलता, राहत सामग्री भेजी

तूफान के बाद बिगड़ी स्थिति पर भारत ने तुरंत मानवीय सहायता बढ़ाते हुए श्रीलंका को राहत सामग्री भेजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को आवश्यक HADR सहायता भेजी गई है और भारत हर स्थिति में अतिरिक्त मदद के लिए तैयार है। भारत नेबरहुड फर्स्ट और महासागर विज़न नीति के तहत संकट की घड़ी में श्रीलंका के साथ मजबूती से खड़ा है।

IMD ने दक्षिण भारत के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया

चक्रवात ‘दित्वा’ दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी से उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसकी दिशा को देखते हुए भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यह चक्रवात 30 नवंबर की सुबह तक दक्षिण भारतीय तटों के काफी करीब पहुंच सकता है।

आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना

IMD के अनुसार, चक्रवात के प्रभाव से शनिवार से तीन दिनों तक दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भारी वर्षा की स्थिति बनेगी। चित्तूर, तिरुपति, नेल्लोर, प्रकाशम, वाईएसआर कडपा, अन्नामय्या और श्री सत्य साई जिलों में 29 से 30 नवंबर के बीच भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

मछुआरों और किसानों को चेतावनी, प्रशासन सतर्क

तूफान के चलते समुद्र में उथल-पुथल बढ़ने की आशंका के कारण मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। तेज हवाओं और भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए किसानों को फसल और पशुओं की सुरक्षा हेतु आवश्यक सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सभी प्रभावित जिलों के प्रशासन को उच्च सतर्कता पर रखा गया है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।