भारत में शादी केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं होती, बल्कि यह दो परिवारों के बीच का पवित्र संगम भी है। ऐसे शुभ अवसर पर उपहारों का चयन भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों और परंपराओं में कुछ वस्तुएँ ऐसी बताई गई हैं, जिन्हें शादी में उपहार स्वरूप देना अशुभ माना जाता है।
काले रंग की वस्तुएँ: अशुभता का प्रतीक
काले रंग के कपड़े, जूते या सजावटी सामान देना शादी जैसे शुभ अवसर पर अनुकूल नहीं माना जाता। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, काला रंग शोक और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इसे देने से नवविवाहित जोड़े के जीवन में दुर्भाग्य और नकारात्मक प्रभाव आने की संभावना मानी जाती है।
नुकीली और धारदार वस्तुएँ: रिश्तों में दरार
चाकू, कैंची, तलवार या अन्य धारदार वस्तुएँ उपहार में देना वर्जित माना जाता है। परंपरा कहती है कि ये चीज़ें रिश्तों में कटुता और अलगाव का प्रतीक होती हैं। इन्हें देने से जोड़े के बीच प्रेम और सामंजस्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
कांच के बर्तन: नाज़ुक और अशुभ
कांच के डिनर सेट, क्रिस्टल शोपीस या फूलदान जैसी चीज़ें भी उपहार में देने से बचना चाहिए। कांच की नाज़ुकता के कारण इसे टूटने का भय रहता है और इसे विवाहिक जीवन में दरार या अस्थिरता का संकेत माना जाता है।
परफ्यूम और इत्र: नकारात्मक ऊर्जा का संचार
कुछ लोक मान्यताओं और ज्योतिष के अनुसार, परफ्यूम या इत्र उपहार स्वरूप देना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा माना जाता है कि ये नकारात्मक ऊर्जा फैलाकर वैवाहिक जीवन में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं।
शुभ और सकारात्मक विकल्प
शादी में उपहार देने के लिए वास्तु और परंपरा के अनुसार चांदी के सिक्के, भगवान की मूर्तियाँ, लाल या पीले रंग के कपड़े, कलाकृतियाँ या घर सजाने के शुभ प्रतीक सबसे उपयुक्त माने जाते हैं। ये उपहार न केवल सौभाग्य लाते हैं, बल्कि नवविवाहित जोड़े के जीवन में प्रेम और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ाते हैं।