इंदौर सर्राफा विवाद: ‘जोशी दही बल्ले’ और ‘विजय चाट’ जैसे ब्रांड नामों पर घमासान, एसोसिएशन ने की निगम से शिकायत

इंदौर। देश-दुनिया में अपने स्वाद के लिए मशहूर इंदौर की सर्राफा चाट-चौपाटी में दुकानों के नामों को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। सर्राफा चाट-चौपाटी व्यापारी एसोसिएशन ने नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग से शिकायत की है कि कई दुकानदार प्रतिष्ठित और पुराने ब्रांडों के नाम का इस्तेमाल कर ग्राहकों को गुमराह कर रहे हैं।

एसोसिएशन का आरोप है कि कुछ दुकानदारों ने किराए पर दुकान लेकर उस पर ‘जोशी दही बल्ले’, ‘विजय चाट हाउस’ और ‘नागौरी शिकंजी’ जैसे प्रसिद्ध नाम के बोर्ड लगा लिए हैं, जबकि इन दुकानों का संचालन मूल परिवारों द्वारा नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर मूल दुकानदारों और एसोसिएशन में नाराजगी है।

ब्रांड के नाम पर ‘धोखा’

सर्राफा चाट-चौपाटी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राम गुप्ता ने बताया कि यह बाजार अपनी परंपरा और स्वाद के लिए जाना जाता है। पर्यटक और स्थानीय लोग यहां दशकों पुराने स्वाद के लिए आते हैं। लेकिन अब कुछ किराए के दुकानदार स्थापित ब्रांडों के नाम का फायदा उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए, ‘जोशी दही बल्ले’ की दुकान मूल जोशी परिवार नहीं चला रहा है। कोई और व्यक्ति किराए पर दुकान लेकर इस नाम का इस्तेमाल कर रहा है। इससे न केवल ग्राहकों के साथ धोखा हो रहा है, बल्कि मूल ब्रांड की प्रतिष्ठा भी खराब हो रही है।” एसोसिएशन के मुताबिक, यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है और अब इसे रोकने के लिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है।

परंपरागत पहचान बचाने की लड़ाई

विवाद सिर्फ नामों तक ही सीमित नहीं है। एसोसिएशन ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि चौपाटी में पिज्जा, मोमोज और चाइनीज जैसे व्यंजन बेचे जा रहे हैं। उनका मानना है कि इससे सर्राफा की परंपरागत पहचान कमजोर हो रही है, जो मुख्य रूप से मालवा के पारंपरिक व्यंजनों जैसे दही बड़े, गराडू, भुट्टे का कीस और जलेबी के लिए प्रसिद्ध है।

एसोसिएशन की मांग है कि नगर निगम इन मामलों में हस्तक्षेप करे। उन्होंने मांग की है कि सभी दुकानदारों को अपने मूल नाम या फर्म के नाम से ही दुकान संचालित करने का निर्देश दिया जाए। किसी भी प्रतिष्ठित ब्रांड के नाम का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

नगर निगम से कार्रवाई की मांग

व्यापारी एसोसिएशन ने अपनी शिकायत में कहा है कि इस तरह की गतिविधियों से इंदौर की खाद्य राजधानी की छवि पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग को एक ज्ञापन सौंपकर तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि अगर जल्द ही इस पर लगाम नहीं लगाई गई, तो सर्राफा बाजार अपनी मौलिकता खो देगा। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।