इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर हेलीकॉप्टर सेवा को नहीं मिल रहे यात्री, बुकिंग पोर्टल पर तारीखें भी उपलब्ध नहीं

मध्य प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई महत्वाकांक्षी ‘पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा’ अपने शुरुआती चरण में ही यात्रियों की कमी की समस्या से जूझ रही है। इंदौर को उज्जैन और ओंकारेश्वर से जोड़ने वाली इस हेलीकॉप्टर सेवा के लिए बुकिंग पोर्टल पर कोई तारीख उपलब्ध नहीं दिख रही है, जिससे आम यात्री टिकट बुक नहीं कर पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 16 जून को इस हवाई सेवा का शुभारंभ किया था। इसका उद्देश्य महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को त्वरित और सुगम यात्रा का विकल्प देना था। लेकिन लॉन्च होने के कुछ ही दिनों बाद यह सेवा व्यावहारिक रूप से आम लोगों की पहुंच से दूर हो गई है।

बुकिंग पोर्टल पर ‘नॉट अवेलेबल’

इस सेवा का संचालन कर रही निजी कंपनी फ्लाईओला एविएशन (Flyola Aviation) की वेबसाइट पर जब कोई यात्री इंदौर से उज्जैन या ओंकारेश्वर के लिए टिकट बुक करने की कोशिश करता है, तो कैलेंडर में आगे की कोई भी तारीख बुकिंग के लिए उपलब्ध नहीं दिखती है। हर तारीख पर ‘नॉट अवेलेबल’ का संदेश आता है, जिससे यात्रियों में भ्रम की स्थिति है।

घाटे से बचने के लिए कंपनी की शर्त

जब इस समस्या के बारे में पड़ताल की गई तो कंपनी के अधिकारियों ने अनौपचारिक तौर पर बताया कि हेलीकॉप्टर में 6-7 सीटें होती हैं। यदि एक या दो यात्री ही बुकिंग करते हैं तो कंपनी को उड़ान भरने में आर्थिक नुकसान होता है। इस घाटे से बचने के लिए कंपनी तभी उड़ान भर रही है, जब एक साथ पूरे समूह (6-7 लोग) की बुकिंग होती है।

इसी वजह से व्यक्तिगत या छोटे समूहों में यात्रा करने के इच्छुक लोगों को पोर्टल पर बुकिंग का विकल्प नहीं मिल पा रहा है। कंपनी का दावा है कि समूह में बुकिंग हो रही है, लेकिन यह जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं होती है।

पर्यटन विभाग भी स्थिति से अवगत

यह सेवा मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (MPTB) की देखरेख में शुरू की गई है। बोर्ड के अधिकारी भी इस समस्या से अवगत हैं। उनका कहना है कि वे ऑपरेटर कंपनी के साथ मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि व्यक्तिगत यात्रियों को भी सेवा का लाभ मिल सके। फिलहाल, यह महत्वाकांक्षी योजना बुकिंग और संचालन संबंधी मुद्दों के कारण धरातल पर सफल होती नहीं दिख रही है।