VIT पर सरकारी शिकंजा कसा, गंभीर गड़बड़ियों के बीच 7 दिन में जवाब तलब

मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने सीहोर स्थित वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT) के खिलाफ गंभीर लापरवाही और कुप्रबंधन के आरोपों पर धारा 41(1) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विश्वविद्यालय को सात दिन के अंदर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। तय समय में जवाब न मिलने पर विभाग ने धारा 41(2) के तहत सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाने के संकेत दिए हैं।

जांच रिपोर्ट में खुला बड़ा मामला, हॉस्टल मेस की हालत बेहद खराब

यह नोटिस विश्वविद्यालय नियामक आयोग द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति की विस्तृत जांच रिपोर्ट के बाद जारी किया गया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि हॉस्टल के मेस में भोजन व पानी की गुणवत्ता बेहद निम्न स्तर की है। कई छात्र पीलिया की चपेट में आए, लेकिन प्रबंधन ने न केवल इसे छिपाने का प्रयास किया बल्कि इस जानकारी को गंभीरता से भी नहीं लिया।

समिति ने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी का संचालन “एक बंद किले” की तरह होता है, जहां न शिकायतों को सुना जाता है और न ही छात्रों या कर्मचारियों को अपनी बात कहने की स्वतंत्रता मिलती है।

4 हजार छात्रों का गुस्सा फूटा, वाहनों में आगजनी

25 नवंबर की रात कैंपस में अचानक हालात बिगड़ गए थे। करीब चार हजार छात्र परिसर में इकट्ठा हो गए और देखते ही देखते गाड़ियों व बसों में आग लगा दी गई। कई वाहनों के शीशे टूट गए और एम्बुलेंस तक को नुकसान पहुंचा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पांच थानों की पुलिस बल को एक साथ तैनात करना पड़ा।

खराब भोजन और दूषित पानी से बीमार पड़े छात्र

छात्रों का आरोप था कि कैंपस में परोसा जाने वाला खाना और पीने का पानी इतना खराब है कि बड़ी संख्या में छात्र पीलिया से बीमार हो गए। करीब 100 छात्र अस्पताल में भर्ती हुए और कुछ की मौत तक हो गई। विरोध करने पर गार्डों द्वारा मारपीट का आरोप भी लगा जिसकी वीडियो भी मौजूद है। VIT में देशभर से छात्र पढ़ने आते हैं और यहां की फीस सालाना 7 से 10 लाख रुपये तक है।

उच्च शिक्षा विभाग की समिति ने लगाए गंभीर आरोप

तीन सदस्यीय जांच समिति—डॉ. अनिल शिवानी, प्रो. संजय दीक्षित और प्रो. लोकेंद्र दवे—ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पूरा विवाद प्रबंधन की भारी लापरवाही का नतीजा है। रिपोर्ट में छह बड़े खुलासे किए गए, जिनमें सबसे चिंताजनक था—कैंपस के 11 ब्लॉक बिना फायर NOC के संचालित हो रहे थे।

बिना फायर NOC के चल रहे 11 ब्लॉक, नगर परिषद का चेतावनी नोटिस भी अनसुना

कोठरी नगर परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, VIT ने न बिल्डिंग परमिशन ली, न फायर सेफ्टी शुल्क भरा और न भूमि का डायवर्जन करवाया। हजारों छात्रों को बिना सुरक्षा इंतजाम के इन इमारतों में रखा जा रहा था।

फायर शुल्क के रूप में 42.40 लाख रुपये का भुगतान लंबित है। मई, जून और जुलाई 2024 में नोटिस भेजे गए, पर हर बार यही जवाब मिला—दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। 1 अक्टूबर 2024 की अंतिम चेतावनी में तीन दिन में जवाब मांगा गया, लेकिन कोई उत्तर नहीं आया।

कृषि भूमि पर खड़ा किया कैंपस, डायवर्जन की प्रक्रिया भी पूरी नहीं

आष्टा एसडीएम की रिपोर्ट में सामने आया कि यूनिवर्सिटी ने कई कृषि भूमि सर्वे नंबरों पर बिना डायवर्जन करवाए कक्षाएं, हॉस्टल ब्लॉक और अन्य गतिविधियां शुरू कर दीं। कुल भू-राजस्व 19.39 लाख रुपये में से केवल 7.37 लाख जमा किए गए हैं और बाकी 12.01 लाख अभी भी बकाया हैं।