देवास में लग रही देश की पहली मेगा ग्रेफाइट एनोड फैक्ट्री, ईवी सेक्टर में MP बनेगा नई ताकत

मध्य प्रदेश में उद्योगों का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। देवास जिले के सिरसोदा गांव में HEG लिमिटेड की सहायक कंपनी TACC लिमिटेड 1850 करोड़ रुपये की लागत से देश की पहली बड़ी ग्रेफाइट एनोड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना कर रही है। यह वही महत्वपूर्ण सामग्री है जो लिथियम-आयन बैटरियों में मुख्य घटक होती है और इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर ऊर्जा भंडारण तक में आवश्यक है।

हाल ही में MPIDC उज्जैन के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने निर्माणाधीन प्लांट का दौरा किया। कंपनी का कहना है कि यह फैक्ट्री फरवरी 2027 से उत्पादन शुरू कर देगी। इससे प्रदेश में रोजगार, तकनीकी अवसर और सस्ते ईवी तैयार करने की क्षमता बढ़ेगी। यह केवल औद्योगिक विकास नहीं, बल्कि हरित ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम है।

सरकारी नीतियों से मिली रफ्तार, निवेश के लिए तैयार माहौल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उद्योग समर्थक नीतियों और स्पष्ट औद्योगिक रोडमैप ने इस प्रोजेक्ट को वास्तविकता में बदलने की गति दी है। GIS (ग्लोबल इन्वेस्टर समिट) और RIC (रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव) के माध्यम से निवेशकों का विश्वास बढ़ा, जबकि सरकार की ओर से औद्योगिक भूमि, टैक्स छूट और अन्य रियायतों ने वातावरण निवेश-अनुकूल बनाया।

नई ईवी पॉलिसी 2024 और ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ के तहत फास्ट-ट्रैक क्लियरेंस, SGST रिफंड, पूंजी अनुदान, स्टाम्प ड्यूटी छूट और बिजली दरों में राहत जैसी सुविधाओं ने प्रोजेक्ट को गति प्रदान की। अगस्त 2023 में जमीन आवंटित हुई और मार्च 2024 में मुख्यमंत्री ने भूमिपूजन किया। अब मात्र दो वर्षों में प्लांट उत्पादन की स्थिति के नजदीक पहुँच चुका है।

30 हजार मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता, चीन पर निर्भरता घटेगी

फैक्ट्री की वार्षिक उत्पादन क्षमता 30,000 मीट्रिक टन बैटरी-ग्रेड ग्रेफाइट एनोड होगी। आज की स्थिति में भारत अपनी आवश्यकताओं का 90% से अधिक हिस्सा चीन से आयात करता है।

प्रदेश में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होने से—

  • बैटरी निर्माण की लागत में कमी
  • परिवहन व आयात खर्च में बचत
  • ईवी बैटरियों की कीमत में 10–12% तक गिरावट
    जैसे बड़े प्रभाव देखने को मिलेंगे। इसका सीधा परिणाम यह होगा कि दोपहिया और तीनपहिया ईवी मॉडल और भी सस्ते होंगे और बैटरी मेंटेनेंस का खर्च भी घटेगा।

निर्माण प्रगति की समीक्षा, श्रमिकों की जिंदगी में आए बड़े बदलाव

निरीक्षण के दौरान राजेश राठौड़ ने फैक्ट्री बिल्डिंग, मशीन फाउंडेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्यों की स्थिति का विस्तार से मूल्यांकन किया और अधिकारियों को निर्धारित समयसीमा व गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण में पर्यावरण संरक्षण और सस्टेनिबिलिटी को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया।

प्लांट में कार्यरत वर्कर्स से बातचीत के दौरान उन्होंने जाना कि इस प्रोजेक्ट से उनकी आय, कौशल और जीवन स्तर में बड़ा सुधार आया है। कई कर्मचारियों ने बताया कि उनकी कमाई पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है, नए तकनीकी कौशल सीखने का अवसर मिल रहा है और समाज में सम्मान भी बढ़ा है। विश्व प्रदूषण रोकथाम दिवस पर प्लांट परिसर में पौधारोपण भी किया गया, ताकि औद्योगिक विकास के साथ पर्यावरण का संतुलन भी कायम रहे।

आरएंडडी सेंटर से गुणवत्ता में सुधार और नवाचार को बढ़ावा

मुख्य प्लांट के साथ एक उन्नत रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है। यह सेंटर—

  • बैटरी-ग्रेड ग्रेफाइट एनोड की गुणवत्ता सुधार
  • नई कोटिंग तकनीक का विकास
  • सेल परफॉर्मेंस बढ़ाने के शोध
  • टेस्टिंग और प्रोटोटाइप डेवलपमेंट
    जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को आगे बढ़ाएगा।
    यह देश में पहली बार ईवी बैटरी मैटेरियल पर बड़े पैमाने पर स्थानीय रिसर्च को बढ़ावा देगा, जिससे तकनीकी आत्मनिर्भरता मजबूत होगी और आयात का बोझ घटेगा।

स्थानीय युवाओं के लिए हाई-टेक नौकरी का बड़ा केंद्र

देवास-उज्जैन औद्योगिक बेल्ट में स्थापित यह फैक्ट्री 1000 प्रत्यक्ष और 1500–2000 अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न करेगी। ऑपरेटर, तकनीशियन, इंजीनियर और लैब स्टाफ के लिए बड़े अवसर खुलेंगे। यही कारण है कि स्थानीय ITI और पॉलिटेक्निक संस्थानों में बैटरी टेक्नोलॉजी, सेल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक ड्राइव जैसे नए कोर्स शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे युवाओं को घर के पास ही उच्च तकनीक वाले उद्योगों में बेहतर वेतन और कौशल उन्नति के अवसर मिलेंगे।

गांवों में दिखने लगे विकास के संकेत

यद्यपि फैक्ट्री अभी निर्माणाधीन है, लेकिन सिरसोदा और आसपास के गांवों में बदलाव स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है।

  • जमीनों की कीमत बढ़ी
  • किसान औद्योगिक उपयोग के लिए जमीन उपलब्ध करा रहे
  • सड़क, बिजली और पानी की सुविधाओं में सुधार
  • स्थानीय दुकानदारों और छोटे व्यापारियों के लिए नए अवसर
    यह प्लांट न केवल देवास, बल्कि सम्पूर्ण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।

प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में मील का पत्थर

MPIDC उज्जैन के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ के अनुसार यह निवेश मध्य प्रदेश के औद्योगिक विकास के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा। उनका कहना है कि यह प्रोजेक्ट प्रदेश को ईवी निर्माण का बड़ा केंद्र बनाएगा और स्थानीय युवाओं को कौशल व रोजगार के विशाल अवसर प्रदान करेगा।

इंदौर-देवास-उज्जैन कॉरिडोर की बेहतर कनेक्टिविटी, सस्ती जमीन, सिंगल-विंडो सिस्टम और लोकलाइजेशन पर फोकस मध्य प्रदेश को निवेश के मामले में पड़ोसी राज्यों से आगे ले जा रहा है।